Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019"स्कॉलरशिप नहीं मिली तो कैसे करेंगे आगे की पढ़ाई",आर्थिक संकट में MANUU के छात्र

"स्कॉलरशिप नहीं मिली तो कैसे करेंगे आगे की पढ़ाई",आर्थिक संकट में MANUU के छात्र

MANUU में 1,800 से अधिक छात्रों की स्कॉलरशिप क्यों रद्द कर दी गई है?

द क्विंट
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>MANUU के 1800 छात्रों का स्कॉलरशिप रद्द, अल्पसंख्यक छात्रों का भविष्य खतरे में</p></div>
i

MANUU के 1800 छात्रों का स्कॉलरशिप रद्द, अल्पसंख्यक छात्रों का भविष्य खतरे में

(फोटो- altered by quint) 

advertisement

"मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय (MANUU) में 100 से ज्यादा छात्रों की छात्रवृत्ति रद्द कर दी गई है. मैं एक ऐसा छात्र हूं और पूरी तरह से इस स्कॉलरशिप पर निर्भर हूं. अगर मुझे यह नहीं मिला तो मुझे अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ेगी." ये कहना है MANNU के छात्र अली अबू बकर की.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

हम 3 फरवरी 2023 से छात्रवृत्ति रद्द करने का विरोध कर रहे हैं. यह एक राष्ट्रीय छात्रवृत्ति है जो अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत आती है और मैं दो साल से इसका लाभ उठा रहा हूं.

छात्रवृत्ति रद्द किए जाने के विरोध में प्रदर्शन करते एमएएनयूयू के छात्र

(फोटो: अली अबू बक्र)

इस छात्रवृत्ति को रद्द करने से हमारा भविष्य खतरे में पड़ जाएगा.

छात्रों ने दायर की आरटीआई

(फोटो: द क्विंट द्वारा एक्सेस किया गया)

यह सब 6 जनवरी 2023 को शुरू हुआ, जब हमें पता चला कि हमारी छात्रवृत्ति वापस कर दी गई है. हमारी छात्रवृत्ति संस्था द्वारा और राज्य स्तर पर स्वीकृत की गई थी.

इस सब के बाद, हमें एक संदेश प्राप्त हुआ कि आपकी छात्रवृत्ति वापस कर दी गई है. यह हमारे लिए एक बुरे सपने जैसा है.

छात्रों द्वारा सौंपा गया ज्ञापन

(फोटो: द क्विंट द्वारा एक्सेस किया गया)

'यूनिवर्सिटी से जवाब नहीं मिलने पर हमने आरटीआई फाइल की'

हमने अपने प्रशासन से भी इसी मुद्दे के बारे में पूछा, और उनके पास कोई जवाब नहीं था. हमने इस संबंध में अपने विश्वविद्यालय से कई बार संपर्क किया. हमें केवल यही जवाब मिलता है कि वे इसके बारे में कुछ करेंगे.

एक महीने से ज्यादा हो गया है. हमें अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.

हमने अधिकारियों तक पहुंचने की पूरी कोशिश की, लेकिन हमें कोई जवाब नहीं मिला. इसलिए हमने 25 जनवरी को एक आरटीआई फाइल की.

2 फरवरी को हमें पता चला कि हमारे विश्वविद्यालय के एक छात्र ने फर्जी दस्तावेज जमा किए हैं और उसकी वजह से सभी की छात्रवृत्ति रद्द कर दी गई है. यह कैसा न्याय है?

सिर्फ एक छात्र की वजह से हम सभी को भुगतना पड़ रहा है.

'छात्रवृत्ति के बिना, मैं शिक्षा का खर्च नहीं उठा सकता'

हम मेस शुल्क सहित इस छात्रवृत्ति से अपनी फीस का भुगतान करते हैं.

हम आर्थिक रूप से अपने परिवारों पर निर्भर नहीं हैं. मैं इस पैसे पर पूरे साल जीवित रह सकता हूं. अगर और पैसे की जरूरत हो तो मैं ट्यूशन लेकर कमा सकता हूं.

यहां तक कि मेरी बहन भी उसी विश्वविद्यालय में नामांकित है और छात्रवृत्ति पर भी थी. हम दोनों को कुल मिलाकर 50,000 रुपये मिलते थे. यह हमारे लिए बहुत बड़ा झटका है क्योंकि यह राशि मेरे परिवार के लिए बहुत मायने रखती है.

प्रशासन से हमारी एक ही मांग है कि बिना स्कॉलरशिप के हम यहां पढ़ाई नहीं कर सकते. योग्य छात्रों को छात्रवृत्ति दी जानी चाहिए.

क्विंट ने MANUU से संपर्क किया

द क्विंट से बात करते हुए, विश्वविद्यालय के एक सूत्र ने कहा, "यह मामला हमारे हाथ में नहीं है, पोर्टल के साथ एक समस्या थी, और हम इसके लिए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय से संपर्क कर चुके हैं. आवेदनों का पुनर्सत्यापन हो गया है. उम्मीद है , मंत्रालय जल्द ही कुछ करेगा."

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT