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मायावती ने यूपी में गठबंधन का ऐलान कर दिया है. 2019 आम चुनाव में एसपी और बीएसपी 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं. 2 सीटें यानी अमेठी और रायबरेली को उन्होंने कांग्रेस के लिए छोड़ दिया है तो वहीं बाकी 2 सीटों को अन्य साथियों के लिए छोड़ दिया गया है.
लखनऊ के ताज होटल में अब से थोड़ी देर में बीएसपी सुप्रीमो और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव साथ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में 2019 आम चुनाव को लेकर बड़ी घोषणाओं की उम्मीद की जा रही है. सूबे में 26 साल बाद एसपी और बीएसपी साथ आ रहे हैं.
कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों पार्टियां बराबर सीटों पर चुनाव में उतर सकते हैॆं. अगर आंकड़ों की बात करें, तो दोनों दल 37-37 सीटों के फॉर्मूले के साथ 2019 में चुनाव लड़ सकते हैं. क्योंकि आरएलडी और निषाद पार्टी भी इस गठबंधन में शामिल हैं तो उनके सीटों को लेकर भी ऐलान हो सकता हैं. आरएलडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी भी लखनऊ में सपा अध्यक्ष से मुलाकात कर चुके हैं और कहा जा रहा है कि आरएलडी ने 5 सीटों की मांग की है
अखिलेश यादव और मायावती की जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले लखनऊ में दोनों के एक साथ वाले पोस्टर लगे हुए हैं.
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने शुक्रवार को कहा कि इस गठबंधन में अगर कांग्रेस की अनदेखी होती है तो ये सेक्युलर पार्टियों की एक ‘खतरनाक गलती’ साबित होगी. उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि सपा-बीएसपी जैसी पार्टियों का ये मुद्दा होना चाहिए कि ऐसी सभी पार्टियां साथ आकर चुनाव लड़ें और बीजेपी सरकार जैसे कुशासन का अंत करें.
सपा-बसपा की ओर से ऐसे संकेत आए हैं कि वो अमेठी और रायबरेली से कोई कैंडिडेट नहीं उतारेंगे.
लखनऊ के होटल ताज में प्रेस कॉन्फ्रेंस का मंच सच गया है. मंच पर दो कुर्सियां रखी गई हैं. मंच के पीछे लगे पोस्टर में एक तरफ राम मनोहर लोहिया और अखिलेश की तस्वीर के साथ जय समाजवाद लिखा है तो दूसरी तरफ कांशीराम और मायावती की तस्वीर के साथ जय भीम लिखा है. पूरा कॉन्फ्रेंस हाल पत्रकारों से भर गया है.
2019 में ये गठबंधन कितनी-कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा, उससे पहले सपा और बसपा के समर्थक काफी उत्साह में हैं. ताज होटल, मायावती के घर और अखिलेश यादव के घर के सामने उनके समर्थकों का हुजुम बढ़ता ही जा रहा है.
ये दोनों ही नेता अपने-अपने काफिले के साथ ताज पैलेस होटल के लिए निकल चुके हैं. अब से थोड़ी ही देर में दोनों नेता पहुंचेंगे और वहां एक साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए अखिलेश यादव और मायावती मंच पर पहुंच चुके हैं. दोनों ही नेता एक साथ बैठे हुए हैं और चंद ही पलों में प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू होगी.
सुनिए लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस
ये है गुरू-चेला मोदी और शाह की नींद उड़ाने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस
लखनऊ गेस्टहाउस कांड से बड़ा है देश का जनहित
ये नरेंद्र मोदी और अमित शाह की नींद उड़ाने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस है.
बीएसपी-एसपी जनहित का ध्यान रखते हुए एक हुए हैं.
हमारे गठबंधन से कल्याणकारी रास्ते खुलेंगे और कल का भविष्य उज्जवल होगा.
बीजेपी के तानाशाही रवैये से लोग परेशान हैं, मोदी सरकार ने वादा खिलाफी की. जनविरोधी पार्टी को सत्ता में आने से रोकेंगे.
कांग्रेस के शासन में ही भ्रष्टाचार और गरीबी बढ़ी, बीजेपी-कांग्रेस की कार्यशैली करीब-करीब एक जैसी ही है.
कांग्रेस से गठबंधन का कोई फायदा नहीं क्योंकि उनका वोट हमें ट्रांसफर नहीं होता जबकि एसपी-बीएसपी का वोट एक दूसरे को ट्रांसफर होता है
राफेल घोटाले पर बीजेपी को सरकार गंवानी पड़ेगी.
मायावती के बाद बोलते हुए अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला. अखिलेश ने कहा कि उत्तरप्रदेश में बीजेपी ने माहौल खराब करते हुए जमकर जातिवाद फैलाया है. बीजेपी ने यूपी को जाति प्रदेश बना दिया है. इलाज के लिए जख्मी से पहले उसकी जाति पूछी जा रही है. अन्याय और अत्याचार के कारण शरीफ लोगों का जीना मुश्किल हो रहा है. अखिलेश यादव ने ये भी कहा कि मायावती का अपमान मेरा अपमान है.
अखिलेश यादव का कहना है कि बीजेपी के घमंड को हराने के लिए बीएसपी और एसपी को एक साथ आना पड़ा. बीजेपी हमारे कार्यकर्ताओं में मतभेद पैदा करने के लिए भरसक प्रयास करेगी. हम एक साथ होकर उनका सामना करेंगे.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि सपा और बसपा का गठबंधन स्थायी है और लंबे समय तक चलेगा. 2019 में नहीं हम 2022 का आम विधान चुनाव भी साथ लड़ेंगे. इसके बाद भी हम साथ में चुनाव लड़ेंगे.
बसपा सुप्रीमो मायावती को प्रधानमंत्री बनाने के सवाल पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने हमेशा प्रधानमंत्री दिया है, मैं चाहूंगा कि इस बार भी यूपी से प्रधानमंत्री मिले.
उधर लखनऊ में मायावती और अखिलेश का गठबंधन हुआ और यहां दिल्ली में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कह दिया कि गठबंधन की उम्र ज्यादा नहीं होती. जेटली का कहना है कि देश में फिर से बीजेपी की ही सरकार बनने जा रही है और मोदी के सामने एक भी गठबंधन नहीं टिकेगा. ऐसे डरावने गठबंधनों से देश को खतरा है.
प्रधानमंत्री पद को लेकर अरुण जेटली बोले, “कांग्रेस का शहजादा हो, बंगाल की दीदी हो, आंध्रप्रदेश के बाबू हों, यूपी की बहनजी हो, सब दिल में इच्छा रखते हैं और सबकी तलवारें बाद में निकलेंगी.”
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