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Me, The Change: पशु अधिकार के लिए आवाज उठातीं श्वेता बोरगांवकर

‘मी, द चेंज’, एक ऐसा कैंपेन जो पूरे भारत में पहली बार वोट देने वाली महिला मतदाताओं के मुद्दों पर चर्चा कर रहा है.

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 श्वेता बोरगांवकर अपने काम से दूसरों को प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं.
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श्वेता बोरगांवकर अपने काम से दूसरों को प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं.
(फोटो: द क्विंट)

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पुणे की श्वेता बोरगांवकर ऐसी दुनिया चाहती हैं, जहां सभी जानवर सुरक्षित रहें. इस ख्वाब के लिए इंतजार नहीं कर रही हैं, बल्कि इसके लिए वो एक लड़ाई लड़ रही हैं. 18 साल की बोरगांवकर एनिमल राइट्स ग्रुप और एक्टिविस्ट के इंटरनेशनल नेटवर्क 'डायरेक्ट एक्शन एवरिवेयर' (DxE) की ऑर्गनाइजर हैं.

बोरगांवकर ने पुणे के पहले एनिमल लिबरेशन मार्च का आयोजन किया. इसके लिए उन्होंने कई विरोध प्रदर्शनों का भी नेतृत्व किया है. उनका काम इतना प्रभावशाली था कि उन्हें DxE US ने एनिमल लिबरेशन कॉन्फ्रेंस 2018 में भाग लेने के लिए उन्हें आमंत्रित किया गया था. वहं उन्हें जानवरों के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए और हिम्मत मिली. एक शाकाहारी के रूप में, बोरगांवकर दूसरों को प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं और मानती हैं कि वो ये लड़ाई जीत सकती हैं.

बोरगांवकर और उनके काम के बारे में और जानने के लिए देखिए वीडियो.

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बोरगांवकर के जुनून से प्रभावित होकर दुनिया को जानवरों के लिए बेहतर जगह बनाने का संकल्प लिया है? किसी ऐसे शख्स को जानते हैं जिसमें कुछ हासिल करने जा जुनून हो? तो उसे Me, The Change कैंपेन के लिए नॉमिनेट करें, और The Quint को उन युवा महिलाओं से मिलवाने में मदद करें जो सामान्य से हटकर कुछ अलग कर रही हैं.

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