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देश में पहली बार वोट डालने जा रही कई महिलाएं आगे पढ़ाई करने की ख्वाहिश रखती हैं. लोकनीति-सीएसडीएस द क्विंट सर्वे में सामने आया है कि इसके लिए वो शहर और देश बदलने के लिए भी तैयार हैं.
ये सर्वे द क्विंट के 'Me, The Change' कैंपेन का हिस्सा है. इसके मुताबिक देश में 80 प्रतिशत युवा महिलाएं पढ़ाई के लिए दूसरे शहरों में जाने के लिए तैयार हैं.
सर्वे में 5,000 पहली बार वोट डालने जा रही महिलाओं की ख्वाहिशों और आकांक्षाओं पर गौर किया गया है, जैसे पढ़ाई, स्वास्थ्य, करियर और निजी आजादी. तो ये महिलाएं पढ़ाई को लेकर क्या सोचती हैं?
सर्वे में सामने आया कि पांच में से दो, या 40 फीसदी युवा महिलाएं पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई करना चाहती हैं.
पांच में से एक महिला ने कहा कि वो प्रोफेशनल डिग्री या रिसर्च करना चाहती हैं.
सर्वे के मुताबिक, युवा महिलाएं पढ़ाई के लिए दूसरे शहरों में भी जाने के लिए भी तैयार हैं.
टाउन या बड़े शहरों के मुकाबले, पढ़ाई के लिए शहर बदलने की ख्वाहिश गांव की महिलाओं में ज्यादा है.
जितनी महिलाओं पर सर्वे किया गया, उनमें से 64 फीसदी अविवाहित महिलाओं ने कहा कि वो शादी के बाद भी अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती हैं. शहरों और मेट्रो सिटी के मुकाबले, गांव में ये प्रतिशत ज्यादा है. गांव की 67 प्रतिशत महिलाएं शादी के बाद भी पढ़ना चाहती हैं.
सर्वे में शहरों की 63 प्रतिशत और नगरों की 52 फीसदी महिलाओं की ख्वाहिश है कि वो शादी के बाद भी पढ़ाई जारी रखें.
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