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MediaOne चैनल केस: केरल HC ने 7 जनवरी तक दी प्रसारण की छूट,सरकार से मांगी फाइलें

सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए सरकार द्वारा चैनल के प्रसारण पर लगाई गई थी रोक

क्विंट हिंदी
भारत
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<div class="paragraphs"><p>MediaOne चैनल केस: केरल HC ने 7 जनवरी तक दी प्रसारण की छूट,सरकार से मांगी फाइलें</p></div>
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MediaOne चैनल केस: केरल HC ने 7 जनवरी तक दी प्रसारण की छूट,सरकार से मांगी फाइलें

(फोटो- द क्विंट)

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बुधवार, 2 फरवरी को केरल हाईकोर्ट (Kerala HighCourt) ने मलयालम समाचार चैनल MediaOne की प्रसारण की अनुमति को रद्द करने के केन्द्र सरकार के फैसले को अगले सोमवार तक के लिए स्थगति करने का अंतरिम आदेश दिया है. केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सोमवार, 31 जनवरी को 'सुरक्षा कारणों' का हवाला देते हुए मलयालम समाचार चैनल मीडिया वन (MediaOne) के प्रसारण पर रोक लगा दी थी.

जस्टिस एन.नागरेश ने केन्द्र सरकार को गृह मंत्रालय से संबंधित फाइलों को कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों का हलावा देते हुए चैनल के लाइसेंस को रद्द करने की सिफारिश की गई थी.

'सुरक्षा कारणों जनता के सामने नहीं लाया जा सकता'

भारत के सहायक सॉलिसिटर जनरल एस मनु ने कोर्ट को बताया कि सुरक्षा कारणों से चैनल का लाइसेंस रद्द कर दिया गया था, इन कारणों को जनता के सामने नहीं उजागर किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि यदि कोर्ट निर्देश देता है तो संबंधित फाइलों को एक सीलबंद लिफाफे के अंदर पेश किया जा सकता है.

उन्होंने 2019 में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले को कोट किया, जिसमें कोर्ट द्वारा कहा गया था कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे शामिल होने पर आवेदक को पूर्व सूचना का कोई अधिकार नहीं है.

जनरल एस मनु ने कहा कि संबंधित दिशा-निर्देश के मुताबिक प्रसारण को अनुमति देने के लिए गृह मंत्रालय की सुरक्षा मंजूरी आवश्यक है. उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि कोर्ट को अंतरिम आदेश का विस्तार नहीं करना चाहिए.

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'लाइसेंस रद्द करने की वजह राष्ट्रीय सुरक्षा नहीं हो सकती है'

MediaOne चैनल की तरफ से सीनियर एडवोकेट एस श्रीकुमार ने कहा कि बिना किसी पूर्व सूचना के लाइसेंस रद्द करने की वजह राष्ट्रीय सुरक्षा नहीं हो सकती है. उन्होंने पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि राज्य को प्रेस की स्वतंत्रता का सम्मान करना चाहिए, मीडिया वन चैनल कई सालों से चल रहा है.

सिर्फ सुरक्षा की आड़ में हमारे चैनल के लाइसेंस को रद्द नहीं किया जा सकता है. कम से कम कोर्ट के समक्ष सही कारण बताए जाने चाहिए, इसलिए कोर्ट से मेरी गुजारिश है कि अंतरिम आदेश को बढ़ाया जाए.
एस श्रीकुमार

उन्होंने आगे कहा कि हमारी सिक्योरिटी क्लियरेंस 2010 के शुरुआत में हुई थी, 2020 तक इसमें कोई समस्या नहीं थी. जब मैंने रिन्यू करने का आवेदन किया तो इसमें एक समस्या पाई गई. इसके अलावा एक नए आवेदन और एक रिन्यू आवेदन के लिए दो अलग-अगल प्रक्रियाएं हैं.

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