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मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) ने एक बार फिर किसानों के पक्ष में उतरते हुए केंद्र की बीजेपी सरकार पर हमला बोला है. मलिक ने 2 जनवरी को एक कार्यक्रम में कहा कि जब वो किसानों के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले तो वो 'घमंड' में थे और उनकी पीएम से बहस हो गई.
राज्यपाल सत्यपाल मलिक रविवार को दादरी के रेस्ट हाऊस में पहुंचे जहां पुलिस गार्ड ने उन्हें सलामी दी. इसके बाद, हरियाणा के दादरी में एक कार्यक्रम में बोलते हुए, सत्यपाल मलिक ने कहा,
बाद में, जब उनसे कृषि कानूनों को निरस्त करने के सरकार के फैसले और किसान की लंबित मांगों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री ने जो कहा उसके अलावा और क्या कह सकते थे."
मलिक ने कहा कि किसान आंदोलन समाप्त नहीं हुआ, बल्कि स्थगित हुआ है. उन्होंने कहा, "अगर किसानों की मांगे नहीं मानी गई तो फिर से आंदोलन हो सकता है. कृषि कानून रद्द होना किसानों की बड़ी जीत है, एमएसपी को लेकर भी किसान एकजुट रहेंगे."
ये पहली बार नहीं है जब सत्यपाल मलिक ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है. इससे पहले, अक्टूबर 2021 में मलिक ने कहा था कि अगर सरकार ने किसानों की नहीं सुनी तो दोबारा सत्ता में नहीं आएगी. उन्होंने कहा था, "सरकार का मिजाज थोड़ा आसमान में हो जाता है, उन्हें इनकी तकलीफ दिखाई नहीं देती. अगर किसानों की मांगे नहीं मानी गई तो यह सरकार दोबारा नहीं आएगी."
मार्च 2021 में एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में, मलिक ने कहा था, "जब कोई जानवर मरता है तो भी संवेदना प्रकट की जाती है, लेकिन यहां तो 250 किसान मरे हैं, जिनके लिए अब तक किसी ने कोई संवेदना व्यक्त नहीं की."
मलिक ने कहा कि अगर सरकार को लगता है कि वो उनका नुकसान कर रहे हैं, तो वो पद छोड़ने के लिए तैयार हैं.
(इनपुट- देशराज)
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