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PDP चीफ महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने 11 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किए जाने को लेकर जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर निशाना साधा है. इसके अलावा उन्होंने आर्टिकल 370 को लेकर केंद्र पर हमला बोला है.
11 सरकारी कर्मचारियों की बर्खास्तगी के मामले पर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ''मैं किसी का समर्थन नहीं कर रही (लेकिन) जब तक आपके पास सबूत नहीं है तब तक आप किसी बच्चे को उसके पिता के कामों के लिए जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते. ये 11 लोगों का ही मामला नहीं है, उन्होंने इस साल 20-25 को बर्खास्त किया है.''
मुफ्ती ने कहा, ''मैंने यह बार-बार कहा है, आप एक आदमी को बंदी बना सकते हैं, लेकिन विचार को नहीं. आपको विचार पर ध्यान देना होगा, जैसा वाजपेयी जी ने किया था. असहमति का अपराधीकरण हमारे देश को पीछे ले जा रहा है.''
मुफ्ती ने रविवार को कहा था कि 11 सरकारी कर्मचारियों को ‘‘मामूली आधारों’’ पर बर्खास्त करना अपराध है.
उन्होंने कहा था, “भारत सरकार उस संविधान को रौंदकर छद्म राष्ट्रवाद की आड़ में जम्मू-कश्मीर के लोगों को नि:शक्त बनाना जारी रखे हुए है, जिसे बरकरार रखा जाना चाहिए. मामूली आधारों पर 11 सरकारी कर्मचारियों की अचानक बर्खास्तगी अपराध है. जम्मू-कश्मीर के सभी नीतिगत फैसले कश्मीरियों को दंडित करने के एकमात्र मकसद से किए जाते हैं.’’
(ANI और PTI के इनपुट्स समेत)
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