मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019कानून मंत्रालय ने किया दिल्ली HC के जज जस्टिस मुरलीधर का तबादला

कानून मंत्रालय ने किया दिल्ली HC के जज जस्टिस मुरलीधर का तबादला

केंद्रीय कानून मंत्रालय की तरफ से गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया है.

क्‍व‍िंट हिंदी
भारत
Published:
दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस एस. मुरलीधर का ट्रांसफर हो गया है.
i
दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस एस. मुरलीधर का ट्रांसफर हो गया है.
(फोटो : ट्विटर)

advertisement

दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर बुधवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस को फटकार लगाने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस एस. मुरलीधर का ट्रांसफर हो गया है. इस बाबत केंद्रीय कानून मंत्रालय की तरफ से गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया है. जस्टिस मुरलीधर को पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में ट्रांसफर किया गया है. सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने 12 फरवरी को उनके ट्रांसफर की सिफारिश की थी.

केंद्रीय कानून मंत्रालय की तरफ से जारी गजट नोटिफिकेशन में कहा गया है कि सीजेआई एस. ए. बोबडे की सलाह पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस एस. मुरलीधर को पंजाब ऐंड हरियाणा हाई कोर्ट में ट्रांसफर किया है. नोटिफिकेशन में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने जस्टिस मुरलीधर को पंजाब ऐंड हरियाणा हाई कोर्ट में बतौर जज पद संभालने का निर्देश दिया है.

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 12 फरवरी को उनके ट्रांसफर की सिफारिश की थी. 19 फरवरी को जब यह फैसला सार्वजनिक हुआ, तो इसकी व्यापक रूप से निंदा की गई, जिसमें दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन भी शामिल था. एसोसिएशन के सदस्यों ने विरोध में 20 फरवरी को काम नहीं किया था.

इस फैसले से दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन को नाराजगी इसलिए हुई क्योंकि जस्टिस मुरलीधर जैसे वरिष्ठ (वे इस वर्ष 59 वर्ष के हो जाएंगे और हाई कोर्ट के जज 62 वर्ष की उम्र में रिटायर होते हैं) जज को आम तौर पर केवल एक नए हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बनाए जाने के बाद ही ट्रांसफर किया जाता है - जो कि इस मामले में नहीं हुआ है.  

कॉलेजियम के सदस्यों द्वारा जस्टिस मुरलीधर को ट्रांसफर करने की पिछली कोशिश नाकाम कर दी गई थी.
28 जनवरी 2019 को, द इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि कॉलेजियम की बैठकें दिसंबर 2018 और जनवरी 2019 में हुई थीं, जिसमें जस्टिस मुरलीधर के ट्रांसफर का सुझाव दिया गया था. LiveLaw ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि जस्टिस एके सीकरी (अब रिटायर्ड) ने इस कदम का कड़ा विरोध किया था.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT