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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 30 जून को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा दो दिन पहले घोषित प्रोत्साहन पैकेज को मंजूरी दे दी. साथ ही कैबिनेट ने 16 राज्यों में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड के जरिए भारतनेट की रिवाइज्ड इंप्लीमेंटेशन स्ट्रैटेजी को मंजूर किया.
सीतारमण ने 27 जून को कोविड से प्रभावित हुए सेक्टरों के लिए 1.1 लाख करोड़ की क्रेडिट गारंटी स्कीम का ऐलान किया था, जिसमें से 50,000 करोड़ हेल्थ सेक्टर के लिए होगा. साथ ही पर्यटन और फर्टिलाइजर सब्सिडी जैसे भी कई ऐलान किए गए थे.
भारतनेट परियोजना के तहत केरल, कर्नाटक, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों के लगभग 3.61 लाख गांवों/ग्राम सभाओं में PPP व्यवस्था के जरिये भारत-नेट के निर्माण, अपग्रेड संचालन, रख-रखाव और इस्तेमाल को अमल में लाया जाएगा. इस परियोजना को नौ पैकेजों में शामिल किया गया है, जिसकी अनुमानित लागत 19,041 करोड़ रुपये तय की गई है.
केंद्र सरकार सार्वभौमिक सेवा दाय निधि (USOF) के माध्यम से एक-मुश्त अनुदान के आधार पर सहयोग करेगी, यानी परियोजना पूरी करने में जो खर्च बढ़ जायेगा, उसके अंतर को केंद्र सरकार पूरा करेगी.
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