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"मठ और मंदिरों के झगड़े से बहार निकलें संत"- ITCX उद्घाटन में और क्या बोले भागवत?

"हम राजा को सत्ता देकर सो नहीं जाते, बल्कि उसके कामों का फल चुनाव में देते हैं"- मोहन भागवत

क्विंट हिंदी
भारत
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<div class="paragraphs"><p>"मठ और मंदिरों के झगड़े से बहार निकलें संत"- ITCX उद्घाटन में और क्या बोले भागवत?</p></div>
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"मठ और मंदिरों के झगड़े से बहार निकलें संत"- ITCX उद्घाटन में और क्या बोले भागवत?

(फोटोः क्विंट हिंदी)

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2024 के लोकसभा चुनाव की घोषणा अभी बाकी है, बावजूद इसके भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अपनी तैयारियों को पुख्ता करना शुरू कर दिया है. प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे RSS प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने शनिवार को इंटरनेशनल टेंपल कन्वेंशन एंड एक्सपो (ITCX) का उद्घाटन किया.

उद्घाटन के दौरान RSS प्रमुख ने कहा कि, "मंदिर हमारी सनातनी परंपरा का अभिन्न अंग है, यह हमारी प्रगति का सामाजिक उपकरण भी है. मंदिर में आराधना के समय आराध्य का पूर्ण स्वरूप होना आवश्यक है. मंदिर में शिक्षा, संस्कार, सेवा भाव और प्रेरणा मिले और वह समाज की चिंता करने वाला हो."

इस महासम्मेलन में 41 देशों के हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन धर्म के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. इसमें मंदिर की सुरक्षा, संरक्षण, निगरानी, फंड प्रबंधन, आपदा प्रबंधन, स्वच्छता और पवित्रता मुख्य मुद्दे हैं.

"मठ और मंदिरों के विवाद से बाहर निकलें संत"- RSS चीफ 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक डॉ. मोहन भागवत ने सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित तीन दिवसीय महासम्मेलन में इंटरनेशनल टेंपल्स कन्वेंशन एंड एक्सपो में मठ और मंदिरों के झगड़े छोड़कर एक साथ आने का आह्वान किया.

महासम्मेलन में जुटे देश-विदेश के मंदिर प्रमुखों और अन्य प्रतिनिधियों से भागवत ने कहा कि सभी मंदिर का एकत्रीकरण समाज को जोड़ेगा, ऊपर उठाएगा, राष्ट्र को समृद्ध बनाएगा.

उन्होंने कहा कि हमारे जीवन का लक्ष्य एक ही है, हमारा कर्म और धर्म. यह लोक और परलोक दोनों को ठीक करेगा. उन्होंने कहा कि...

"हमारे मंदिर, आचार्य, देवस्थान, यति साथ चलते हैं, सभी सृजन के लिए हैं. इतिहास में कई बार ऐसा समय आया जब हम हम कभी गिरे, कभी किसी ने धक्का मारकर गिराया, लेकिन हमारे मूल्य नहीं गिरे. हमारे जीवन का लक्ष्य एक ही है हमारा कर्म और धर्म. समाज में धर्म चक्र परिवर्तन के आधार पर ही सृष्टि चलती है. शरीर, मन और बुद्धि को पवित्र करके ही आराधना होती है."

उन्होंने कहा कि पहले बलि परंपरा थी लेकिन, जब पता चला कि यह काल संगत नहीं है तो अब नीबू और नारियल की बलि देते हैं. समाज प्रकृति और परंपरागत राजा पर निर्भर नहीं है. राजा का काम संचालन है. इसके लिए हम सत्ता देकर सो नहीं जाते, बल्कि उनके कामों का फल चुनाव में देते हैं.

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पीएम मोदी ने आयोजकों को लिखा पत्र

पीएम मोदी ने इंटरनेशनल टेम्पल कन्वेंशन एंड एक्सपो (ITCX) 2023 के आयोजकों को लिखे पत्र में विभिन्न मंदिर प्रबंधनों के प्रतिनिधियों से 'विकास भी, विरासत भी' के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने का आग्रह किया. उन्होंने लिखा कि...

"मंदिर पारिस्थितिकी तंत्र को और भी जीवंत बनाने के लिए आधुनिक तकनीकी तत्वों के साथ पारंपरिक पहलुओं को एक साथ लाता है"

पीएम मोदी के इस पत्र में आयोजकों की पहल की भी सराहना की गई है.

क्या है ITCX ? 

इंटरनेशनल टेम्पल कन्वेंशन की वेबसाइट के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय मंदिर सम्मेलन और एक्सपो (ITCX) टेंपल कनेक्ट-डिवाइनिटी वर्ल्डवाइड द्वारा संचालित दुनिया भर के मंदिरों के प्रबंधन को चलाने वाला दुनिया का पहला कार्यक्रम है.

वेबसाइ पर लिखा है कि...

"हमारा मिशन मंदिर प्रबंधन पर ज्ञान, सर्वोत्तम प्रथाओं और अमूल्य अंतर्दृष्टि साझा करने के लिए मंदिरों के नेताओं, ट्रस्टियों और सीईओ को एक साथ लाना है. मारा लक्ष्य टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल पहल, टेकनोलॉजी के बेहतर इस्तेमाल, कुशल वित्तीय प्रबंधन, बेहतर परिचालन के तरीके, स्वच्छता और समग्र रखरखाव और तीर्थयात्रियों की सुविधा पहल को बढ़ावा देकर पूरे मंदिर पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत और सशक्त बनाना है."

(इनपुट्स - चंदन पांडेय)

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