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मोहन भागवत का राहुल गांधी पर तंज-विदेश में देश की छवि खराब करने वाले शत्रु

Mohan Bhagwat ने कहा, "हमारे अहंकार और अतीत के बोझ के कारण, हम एकजुट होने से डरते हैं."

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RSS चीफ मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का बिना नाम लिये निशाना साधा है. भागवत ने कहा कि ऐसी ताकतें देश की छवि को खराब करना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि हमें ऐसा कोई मौका किसी को नहीं देना चाहिए. अपने स्वार्थ के लिए ये काम करने वाले लोग देश के शत्रु हैं.

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भागवत ने कहा, इस तरह का काम एक व्यक्ति के अहंकार का परिणाम हैं. ऐसी बेहूदा टिप्पणियों को जनता करीब से देख रही है."

राहुल गांधी ने क्या कहा था?

अमेरिका में राहुल गांधी ने एक कार्यक्रम में कहा कि भारत में पूरा विपक्ष मौजूदा समय में संघर्ष कर रहा है. उन्होंने कहा था कि, "भारत में अगर कोई विपक्षी सरकार के खिलाफ बोलने की कोशिश करता है तो उसकी आवाज को दबा दिया जाता है. इस दौरान राहुल गांधी ने मुसलमानों को लेकर भी टिप्पणी की थी.

भागवत ने एकता का किया आह्ववान

यह रेखांकित करते हुए कि देश की प्रगति के लिए हिंदू-मुस्लिम एकता आवश्यक है, आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने गुरुवार (1 जून) को कहा कि "कुछ समुदाय बाहर से आए थे" और "हम उनसे लड़े जो उन्हें लाए", वे "अपने" हैं और यह "हमारी सामूहिक जिम्मेदारी" है कि अगर कोई "कमी" है तो उनकी सोच को बदलें.

'सब अंदर वाले हैं'

नागपुर में संघ शिक्षा वर्ग के एक समारोह में बोलते हुए, मोहन भागवत ने कहा, "कुछ संप्रदाय बाहर से आए. उनके लाने वाले जो बाहर से थे, उनके साथ हमारी लड़ाई हुई. लेकिन वो बाहर वाले तो चले गए, सब अंदर वाले हैं."

उन बाहर वालों का संबंध भूलकर इस देश में रहना, और अभी भी वहां के प्रभाव में यहां जो लोग हैं, वो बाहर वाले नहीं वो अपने ही हैं, ये समझ के उनके साथ व्यवहार करना. अगर उनके सोचने में कोई कमी है तो उनका योग्य प्रबोधन करना, हम सबकी जिम्मेवारी है.
मोहन भागवत, RSS प्रमुख

'अलग पहचान कौन चाहता है'

मोहन भागवत ने आगे कहा, "हमारे अहंकार और अतीत के बोझ के कारण, हम एकजुट होने से डरते हैं. हमें लगता है कि अगर हम सबकी मातृभूमि की पूजा में शामिल हो गए तो हम अपनी पहचान खो देंगे. अलग पहचान कौन चाहता है? कोई अलग पहचान नहीं है."

भारत के अंदर हमारी अलग पहचान सुरक्षित है. बाहर, अगर आप किसी राष्ट्र की मूल पहचान से अलग हैं, तो आपके लिए खुशहाल जीवन जीना मुश्किल है.
मोहन भागवत, RSS प्रमुख

'हमारी विविधता एकता की है'

संघ प्रमुख ने संवाद पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "हमें अपने पारस्परिक संबंधों में संयम बरतना होगा. हमें विवाद के बजाय संवाद को अपनाना होगा. हमारी विविधता विभाजन नहीं बल्कि हमारी एकता है."

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'यहां इस्लाम सबसे सुरक्षित है'

भागवत ने कहा कि एक समय स्पेन से मंगोलिया तक इस्लाम के प्रसार के दौरान पूरी दुनिया को हमलों का सामना करना पड़ा था. उन्होंने कहा,"धीरे-धीरे और लगातार, लोग जाग गए और हमलावरों को हरा दिया. इसने इस्लाम को अपने ही क्षेत्र में सीमित कर दिया. उपद्रवी चले गए, यहां इस्लाम सबसे सुरक्षित है. यह शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व सदियों से है."

'हम वास्तविकता को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं'

आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा, “हमारी प्रार्थना के तरीके अलग हो सकते हैं, लेकिन हम इस देश के हैं. हमारे पूर्वज इसी देश के थे. हम इस वास्तविकता को स्वीकार क्यों नहीं कर पा रहे हैं?"

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