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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुरादाबाद (Moradabad) शहर को ध्वनि प्रदूषण के मामले में विश्व में दूसरे नंबर पर रखा गया है. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (United Nations Environment Programme) की नई रिपोर्ट - जो विश्व स्तर पर ध्वनि प्रदूषण पर दिलचस्प खुलासा करती है, उस रिपोर्ट ने मुरादाबाद को दुनिया के सबसे शोर वाले शहरों की लिस्ट में दूसरे स्थान पर रखा है.
पहले स्थान की बात की जाए तो बांग्लादेश के ढाका को पहला स्थान दिया गया है. वहीं पाकिस्तान के इस्लामाबाद को तीसरे स्थान पर रखा गया है. जबकि बांग्लादेश का राजशाही चौथे पायदान पर है, यानी कुल मिलाकर सबसे ज्यादा शोर वाले शुरुआती चार शहर, दक्षिण एशियाई देशों से ही हैं. अन्य भारतीय शहर जिन्होंने इस लिस्ट में शामिल किया गया है, उनमें दिल्ली, कोलकाता, बंगाल का आसनसोल और जयपुर शामिल हैं.
डब्ल्यूएचओ के निर्देशों के अनुसार, रिपोर्ट में कहा गया है कि तय मापदंडो के आधार पर शोर की सीमा बाहरी आवासीय क्षेत्रों के लिए 55 डीबी (डेसिबल) LEC और कमर्शियल इलाकों के लिए 70 डीबी LEC है, इसमें वह इलाके भी शामिल है जहां ट्रैफिक का शोर शामिल होता है.
भारत के सबसे बड़े निर्यात केंद्रों में से एक मुरादाबाद में 114 डीबी का शोर स्तर दर्ज किया गया है. दक्षिण-एशियाई देश, जिसमें भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल शामिल हैं, सबसे ज्यादा ध्वनि-प्रदूषित वाले क्षेत्र है जबकि यूरोप और लैटिन अमेरिका के इलाके सबसे शांत हैं.
दुनिया के 15 सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) वाले शहर
ढाका (बांग्लादेश) - 119 डीबी
मुरादाबाद (भारत) - 114 डीबी
इस्लामाबाद (पाकिस्तान) - 105 डीबी
राजशाही (बांग्लादेश) - 103 डीबी
हो ची मिन्ह सिटी (वियतनाम) - 103 डीबी
इबादान (नाइजीरिया) - 101 डीबी
कुपोंडोल (नेपाल) - 100 डीबी
अल्जीयर्स (अल्जीरिया) - 100 डीबी
बैंकॉक (थाईलैंड) - 99 डीबी
न्यूयॉर्क (यूएस) - 95 डीबी
दमिश्क (सीरिया) - 94 डीबी
मनीला (फिलीपींस) - 92 डीबी
हांगकांग (चीन) - 89 डीबी
कोलकाता (भारत) - 89 डीबी
आसनोल (भारत) - 89 डीबी
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