Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019जन्मदिन पर CM शिवराज ने खाई कसम- '1 साल तक लगाऊंगा रोज 1 पेड़'

जन्मदिन पर CM शिवराज ने खाई कसम- '1 साल तक लगाऊंगा रोज 1 पेड़'

करीब डेढ़ साल तक सत्ता से बाहर रहने वाले शिवराज सिंह चौहान 2020 में फिर से मुख्यमंत्री बने

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
i
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
(फाइल फोटो: Reuters)

advertisement

भारत में कोई भी नेता जब जनता को संबोधित करता है, तो आमतौर पर उसका संबोधन होता है- भाइयों-बहनों, देशवासियों आदि. लेकिन इस देश का एक नेता ऐसा भी है जो खुद को अपने प्रदेश के युवा लड़के, लड़कियों का मामा बताता है और ज्यादातर भाषणों में भाइयों-बहनों के बाद भांजे-भांजियों को संबोधित करता है. ऐसे नेता का नाम है मध्य प्रदेश के चौथी बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान. 5 मार्च को शिवराज सिंह चौहान का जन्मदिन है.

23 मार्च 2020 को शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. कांग्रेस के चंबल से कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरी और बीजेपी ने अपनी सरकार बनाई. और करीब डेढ़ साल तक सत्ता से बाहर रहने वाले शिवराज सिंह चौहान फिर से मुख्यमंत्री बने.

62 साल के हुए शिवराज

5 मार्च को शिवराज सिंह चौहान 62 साल के हो गए हैं. अपने जन्मदिन के दिन भी 'मामा' शिवराज ने एक खास संकल्प लिया है. ट्विटर पर अपने जन्मदिन की पूर्व संध्या पर शिवराज ने एक संदेश जारी किया

प्रिय बहनों, भाइयों, भांजे, भांजियों. हमेशा ये कोशिश रहती है कि जीवन का हर क्षण सार्थक हो. अपनों और मध्य प्रदेश की जनता के काम आए. हम सरकार के माध्यम से तो सार्थक काम कर ही रहे हैं. मन में ये भाव भी है कि जन्मदिन के अवसर को भी उद्देश्यपूर्ण बनाया जाए. मैंने एक साल तक रोज एक पेड़ लगाने का संकल्प लिया है. धरती हमारी मांं है. मां हमें सब कुछ देती है. लेकिन हमें भी कुछ देना है. पेड़ों की कटाई के कारण तापमान लगातार बढ़ रहा है. पर्यावरण बिगड़ रहा है. अनुमान है कि 2050 तक ये 2 डिग्री सेंटीग्रेट तक बढ़ जाएगा और तब परिस्थितियां ऐसी हो सकती है कि मानव का जीवन संकट में पड़ जाएगा.
शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश.

मंच पर दिखता है शिवराज का 'देसी अंदाज'

शिवराज सिंह चौहान जमीन से जुड़े नेता माने जाते हैं. उनके भाषण देने की शैली अलग है, कार्यकर्ताओं के बीच पैठ है. भाषण देते हुए शिवराज देसी भाषा बोलते हैं और कई बार बोलते-बोलते भावुक भी हो जाते हैं. पीएम मोदी की तरह शिवराज सिंह चौहान भी लंबे-लंबे भाषण देने की क्षमता रखते हैं और भाषण देते हुए जनता से उनका संबंध भी अच्छा स्थापित होता है.

सख्त तेवरों से फिर चर्चा में आए 'मामा'

हाल ही में शिवराज सिंह चौहान अपने बयानों के लिए फिर से चर्चा में आए हैं. पिछले 3 कार्यकालों में शिवराज की छवि एक मृदुभाषी जमीनी नेता की बनी थी. कभी भी उन्होंने अपने भाषणों में उग्र भाषा का इस्तेमाल नहीं किया था. लेकिन पिछले कुछ महीने में ऐसा कहा जाने लगा है कि वो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह ही फायरब्रांड पॉलिटिक्स में हाथ आजमा रहे हैं.

"जमीन में गाड़ दूंगा दस फीट, तोड़ दूंगा, फोड़ दूंगा" जैसे बयान, 'लव जिहाद' जैसे मसले पर सख्त कानून, नाम बदलने की राजनीति ये सब शिवराज के पॉलिटिकल कल्चर के नए आयाम हैं.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

कई सारे राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि शिवराज का जो तेवर बदला है वो बीजेपी में मौजूदा नेतृत्व की मांग है. अगर शिवराज को राजनीति में और आगे बढ़ना है तो यही रास्ता है जो उन्हें अपने समकक्ष मुख्यमंत्रियों से आगे ले जा सकता है.

वृक्षारोपण भी विकासवादी राजनीति का हिस्सा

अपने जन्मदिन पर वृक्षारोपण जैसे कार्यक्रम को तरजीह देना और अपने सभी चाहने वालों, कार्यकर्ताओं, मंत्रियों, विधायकों से आग्रह करना कि 'जन्मदिन पर उन्हें फूलों का गुलदस्ता देने की बजाए पेड़ लगाएं', ये शिवराज की पर्यावरणवादी राजनीति का ही हिस्सा माना जा सकता है. जिस तरह पीएम मोदी अपने मूल पॉलिटिकल एजेंडे के साथ-साथ योग संस्कृति जैसी चीजों को बढ़ावा देने की पहल करते रहते हैं. उसी तरह शिवराज की हर दिन एक वृक्ष लगाने पहल भी भले ही राजनीति से दूर खड़ी नजर आती हो, लेकिन ये भी एक तरह से पॉलिटिक्स में मैसेजिंग का काम करेगी.

छात्र नेता से मुख्यमंत्री बनने का सफर

शिवराज सिंह चौहान ने अपने स्कूल जीवन से ही सियासत में कदम रख दिया था. आरएसएस कार्यकर्ता के रूप में शिवराज ने अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया और अब तक वे राजनीति में डटे हुए हैं. 1975 में शिवराज हायर सेकेंडरी स्कूल यूनियन के प्रेसिडेंट चुने गए. शिवराज सिंह चौहान ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में भी काफी वक्त तक जिम्मेदारियां संभालीं. वो ABVP में संगठन मंत्री भी रहे.

शिवराज मध्य प्रदेश की विदिशा सीट से 5 बार सांसद भी चुनकर आए. इसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने बुधनी विधानसभा को अपना गढ़ बनाया और लगातार वहां से चुनकर आए. मध्य प्रदेश के राजनीति इतिहास में शिवराज सबसे ज्यादा बार मुख्यमंत्री चुनकर आए है.

विपक्ष में रहते हुए लगातार एक्टिव रहे शिवराज

2018 में चंद सीटों की वजह से सत्ता गंवाने वाले शिवराज सिंह चौहान ने हार नहीं मानी. चुनाव हारने के बाद शिवराज फिर से सड़कों पर उतरे. जनता के मुद्दों की राजनीति शुरू और कमलनाथ सरकार को घेरते रहे. भले ही बीजेपी में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया लेकिन वो मध्य प्रदेश से लगातार जुड़े रहे. राजनीतिक जानकार बताते हैं कि कमलनाथ सरकार गिराने से लेकर बीजेपी की सरकार सफलतापूर्वक बनाने में भी शिवराज सिंह चौहान की काफी अहम भूमिका रही.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 05 Mar 2021,07:50 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT