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मायावती की धमकी का असर, दलितों पर दर्ज केस वापस लेगी कमलनाथ सरकार

मायावती ने दी थी कमलनाथ सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से की थी बीएसपी चीफ मायावती ने ये अपील
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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से की थी बीएसपी चीफ मायावती ने ये अपील
(फोटोः Altered By Quint Hindi)

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बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती की कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी काम कर गई है. महज 24 घंटे के भीतर ही मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने बीते 15 सालों के बीजेपी के शासनकाल में दलितों के खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदमों को वापस लेने का ऐलान किया है.

मध्य प्रदेश के कानून मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है, ‘2 अप्रैल 2018 को एससी/एसटी एक्ट 1989 को लेकर हुए भारत बंद के दौरान और इसी तरह के दूसरे केस जोकि पिछले 15 सालों में बीजेपी शासनकाल के दौरान दर्ज किए गए हैं. उन्हें वापस लिया जाएगा.’

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मायावती ने दी थी कमलनाथ सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने बीते सोमवार को मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी दी थी. मायावती ने कहा था कि अगर कांग्रेस सरकार ने बीजेपी के राज में 2 अप्रैल 2018 को हुए भारत बंद को लेकर दर्ज कराए गए मुकदमों को वापस नहीं लिया, तो बीएसपी कांग्रेस को समर्थन देने के फैसले पर दोबारा विचार करेगी.

मायावती ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा था कि ये मुकदमे राजनीतिक और जातिगत विद्वेष के चलते दर्ज कराए गए थे और इनमें निर्दोष लोगों को फंसाया गया है.

BSP ने मध्य प्रदेश में दिया था कांग्रेस को समर्थन

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया था. मध्य प्रदेश में कांग्रेस बहुमत के जादुई आंकड़े से महज दो सीट पीछे रह गई थी. हालांकि कांग्रेस निर्दलीय उम्मीदवारों के समर्थन से सरकार बनाने में सक्षम थी. लेकिन फिर भी मायावती ने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की थी.

मायावती ने कहा था:

मध्य प्रदेश में जनता केन्द्र और राज्य की बीजेपी सरकारों की गलत नीतियों से इतना ज्यादा दुखी हो गयी थी कि किसी भी कीमत पर बीजेपी को फिर से सत्ता में वापस आते नहीं देखना चाहती थी. इसके मद्देनजर लोगों ने अपने दिल पर पत्थर रखकर, नहीं चाहते हुए भी, इन राज्यों में काफी सालों तक सत्ता में रही कांग्रेस को ही मजबूत विकल्प मानकर वोट दिया. कांग्रेस की नीतियों और सोच से सहमति न होते हुए भी हमारी पार्टी ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस को सरकार बनाने के लिये समर्थन देने का फैसला किया है.

मायावती ने कहा था कि बीएसपी की इस पहल का मकसद बीजेपी को जोड़-तोड़ कर सरकार बनाने से रोकना है.

मध्य प्रदेश में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था. यहां कांग्रेस बहुमत के आंकड़े से महज दो सीट दूर रह गई थी. बीएसपी को मध्य प्रदेश में दो सीटें मिली थीं. वहीं मध्य प्रदेश में कांग्रेस को 114 और बीजेपी को 109 सीट मिली हैं.

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