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महाराष्ट्र में बीते 23 जून से प्लास्टिक पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है. सरकार ने प्लास्टिक के इस्तेमाल से जानवरों और पर्यावरण को नुकसान होने का हवाला देते हुए ये फैसला लिया था. अब रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि मल्टीनेशनल कंपनियों, प्लास्टिक इंडस्ट्री के लॉबिंग के बाद प्लास्टिक बैन के आदेशों पर थोड़ी नरमी बरती जा रही है.
महाराष्ट्र में ई-कॉमर्स कंपनियों को प्लास्टिक के इस्तेमाल के लिए 3 महीने की छूट दी गई है. ये फैसला 30 जनवरी को लिया गया. इन तीन महीनों में ई-कॉमर्स कंपनियों को प्लास्टिक पैकेजिंग मटेरियल्स की रिसाइकिलिंग और डिसपोजल सुनिश्चित करना होगा.
बता दें कि 23 जून को जारी किए गए प्लास्टिक बैन के आदेश के बाद रिटेलर्स, बेवेरेज और बोतलबंद पानी बेचने वालों को अचानक से दाम बढ़ जाने की चिंता सताने लगी.
सरकार ने अपने हालिया आदेश में 200 मिलीलीटर से कम की पानी की बोतलों की बिक्री पर बैन लगा दिया है. साथ ही ये तय नहीं किया गया है कि पानी के अलावा जो दूसरे पेय पदार्थ हैं उनके खाली बोतलों की किस कीमत पर खरीदा जाएगा.
23 जून के प्लास्टिक बैन के नोटिफिकेशन के मुताबिक, प्लास्टिक और थर्मोकोल से बनने वाले प्रोडक्ट को बैन किया गया है. इसमें प्लास्टिक बैग, डिस्पोजेबल कप, थर्माकोल की प्लेट, चम्मच, कांटे, चश्मा और कंटेनर शामिल हैं. इसके अलावा प्लास्टिक स्ट्रॉ, पाउच और पैकिंग वाली पन्नी भी राज्य के बैन में शामिल है. सजावट के लिए प्लास्टिक और थर्माकोल का इस्तेमाल भी प्रतिबंधित है.
अधिसूचना के मुताबिक, पहली बार नियमों का उल्लंघन करने वालों पर 5,000 रुपये, दूसरी बार 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. तीसरे बार पकड़े जाने पर 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ तीन महीने के लिए जेल की सजा भी हो सकती है. ये बैन महाराष्ट्र में लागू किया जाएगा. ऐसे में देश के दूसरे राज्यों से महाराष्ट्र में आने वाले यात्रियों को भी प्लास्टिक के इस्तेमाल में खास सावधानी बरतनी होगी.
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