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मुंबई राइज टू सेव डेमोक्रेसी(Mumbai Rise to Save Democracy) अभियान से जुड़े करीब 40 से ज्यादा लोगों ने बुधवार को सीबीआई के छापे और सेंटर फॉर प्रमोशन ऑफ सोशल कंसर्न और उसके कार्यक्रम, पीपुल्स वॉच के खिलाफ दर्ज एफआईआर की निंदा की
भारतीय दंड संहिता और विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए), 2010 के प्रावधानों के तहत 8 जनवरी को प्राथमिकी दर्ज की गई थी
आगे प्रेस बयान में बताया गया कि सीपीएससी और उसके कार्यक्रम पीपुल्स वॉच ने 1995 से देश में मानवाधिकारों के संरक्षण और प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.संगठन मानवाधिकार शिक्षा और प्रशिक्षण और मानवाधिकार उल्लंघन के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है.
सीपीएससी दलित अधिकारों, अत्याचार विरोधी कानून और मानवाधिकार रक्षकों के संरक्षण की वकालत करने वाले गठबंधन का हिस्सा है, और नागरिक स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा में काम कर रहा है
प्राथमिकी, जो गृह मंत्रालय में विदेश विभाग (एफसीआरए विंग) के तत्कालीन निदेशक एके सिन्हा द्वारा दायर 2014 की शिकायत पर आधारित है, संगठन द्वारा विदेशी धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है
एमआरएसडी के अनुसार तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने से कई सवाल उठते हैं. सबसे पहले, एफसीआरए उल्लंघन के आरोपों के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई है जो कि 2012 और 2013 में सीपीएससी को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस के अधीन थे, यानी एक दशक पहले
एमआरएसडी ने सरकार से सीपीएससी और उसके कार्यक्रम, पीपुल्स वॉच के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को तुरंत और बिना शर्त वापस लेने का आह्वान किया है
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