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TRP घोटाला: रिपब्लिक TV के इंवेस्टर्स से भी होगी पूछताछ

मुंबई पुलिस ने कंपनियों के मालिक को समन भेजकर जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया है.

क्विंट हिंदी
भारत
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रिपब्लिक टीवी के फाउंडर अर्नब गोस्वामी
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रिपब्लिक टीवी के फाउंडर अर्नब गोस्वामी
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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टीआरपी घोटाले (TRP Scam) की जांच कर रही मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी (Republic TV) के इंवेस्टर्स को जांच में शामिल होने के लिए समन किया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, करीब पांच कंपनियों के मालिक को समन भेजकर शुक्रवार को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया है.

इकनॉमिक टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया है कि मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने आरपीजी पावर ट्रेडिंग लिमिटेड, अनंत उद्योग एलएलपी, पूर्वांचल लीजींग लिमिटेड, पैन कैपिटल इंवेस्टमेंट और डाइनामिक स्टोरेज एंड रिट्रीवल सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिकों को शुक्रवार (30 अक्टूबर) को जांच में शामिल होने के लिए समन किया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों का कहना है कि हंसा रिसर्च ग्रुप द्वारा रिपब्लिक टीवी को कई गई पेमेंट भी जांच के तहत है.

रिपोर्ट ने एक पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया हंसा रिसर्च ग्रुप द्वारा रिपब्लिक टीवी को 32 लाख रुपये की पेमेंट की गई है. इस बारे में जब कंपनी के डायरेक्टर से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. वहीं, रिपब्लिक टीवी के सीएफओ एस सुंदरम ने हंसा कंपनी की तरफ से 32 लाख की पेमेंट की बात स्वीकारी है.

अधिकारी ने बताया कि हंसा BARC की वेंडर है और बार-ओ-मीटर इंस्टॉल करने का काम करती है. शुरुआत में देखने से ये ट्रांजैक्शन, संदिग्ध लग रहा है और इसलिए, दोनों कंपनियों से पूछताछ की गई है और लेन-देन की जांच ऑडिट टीम द्वारा की जा रही है. वहीं, क्योंकि हंसा BARC के साथ काम कर रही है, तो ये मामला कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट का भी हो सकता है.

अधिकारी के मुताबिक, “अभी तक जांच में सामने आया है कि एडवर्टाइजर्स और इंवेस्टर्स इंवेस्टमेंट के लिए TRP पर निर्भर होते हैं. इंवेस्टर्स के बयान इस केस में अहम हैं. उनसे पूछा जाएगा कि इंवेस्टमेंट करते समय उन्होंने किन फैक्टर्स को ध्यान में रखा.”

आरोपी बना गवाह, मिली जमानत

टीआरपी घोटाले में आरोपी, उमेश मिश्रा को कोर्ट से जमानत मिल गई है. हंसा रिसर्च ग्रुप के पूर्व कर्मचारी उमेश मिश्रा को 16 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था.

उमेश मिश्रा ने क्राइम ब्रांच को एक चिट्ठी लिखकर गवाह बनने की ख्वाहिश जाहिर की थी, जिसके बाद सोमवार को मिश्रा को जमानत मिल गई. पुलिस ने कोर्ट से कहा कि वो जांच में मदद कर रहे हैं, इसलिए वो इस जमानत का विरोध नहीं करती.

मिश्रा पर आरोप था कि उसने लोगों को रिपब्लिक टीवी को देखने के लिए पैसे दिए.

TRP घोटाले में रिपब्लिक समेत तीन चैनल आरोपी

8 अक्टूबर 2020 की शाम को मुंबई पुलिस कमिश्नर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कुछ चैनल टीआरपी के हेरफेर मामले में जांच के दायरे में आए हैं. साथ ही कमिश्नर ने ये भी दावा किया कि ये लोग पैसे देकर टीआरपी खरीदने का काम कर रहे थे, लेकिन जो सबसे अहम था वो था तीन चैनलों का नाम.

इस मामले में मुंबई पुलिस कमिश्नर ने तीन चैनलों का नाम लिया, जिसमें सबसे बड़ा नाम रिपब्लिक टीवी का था. इसके अलावा फख्त मराठी और बॉक्स सिनेमा पर टीआरपी घोटाले का आरोप लगा.

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Published: 27 Oct 2020,11:01 AM IST

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