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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम की 18 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार के मामले में पुलिस ने कहा है कि मेडिकल रिपोर्ट में उसे किसी अंदरुनी और बाहरी चोट की पुष्टि नहीं हुई है. जबकि राष्ट्रीय मानवाधिकारआयोग ने बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी को इस मामले में नोटिस जारी कर चार सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले को लेकर बिहार दौरे का फैसला किया है.
पुलिस अधीक्षक जयंतकांत ने सोमवार को बताया कि मामले में आई मेडिकल जांच रिपोर्ट में किसी बाहरी और अंदरुनी जख्म की पुष्टि नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि चूंकि आरोपियों को पीड़िता पहले से जानती थी तो ऐसे में हो सकता है कि झांसा देकर वारदात को अंजाम दिया गया हो. आरोपियों की गिरफ्तार करने की कोशिश हो रही है. पश्चिमी चंपारण जिला मुख्यालय बेतिया के नगर थाना निवासी युवती की शिकायत पर उसे महिला थाना के संरक्षण में इलाज के लिए शनिवार देर शाम राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था. रविवार को मेडिकल जांच डाक्टरों की टीम ने जांच की थी.
यह पूछे जाने पर कि आरोपियों में से एक के वायरल हुए ऑडियो से पुलिस को जांच में मदद मिलेगी? इस पर जयंतकांत ने कहा कि सभी नामजद आरोपी हैं और पीड़िता के परिचित हैं. आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन कर दिया गया है .
पिछले साल मुजफ्फरपुर शहर स्थित एक बालिका गृह में 34 लड़कियों के साथ यौन शोषण का मामला प्रकाश में आने पर गत वर्ष 26 जुलाई को राज्य सरकार ने इस मामले को सीबीआई को जांच के लिए सौंप दिया था .
इस बीच राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा के नेतृत्व वाली समिति 19-20 सितंबर को बिहार का दौरा करेंगी और पीड़िता, पुलिस महानिदेशक और संभवत: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करेंगी.
शर्मा ने ट्वीट किया, ‘‘बिहार से हमारे सदस्य नियमित दौरे करते हैं और उन्होंने महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध के मामलों को उठाया है लेकिन चीजों में सुधार होता प्रतीत नहीं हो रहा है. मैं सभी मामलों पर निजी तौर पर बिहार के डीजीपी से और संभव हुआ तो बिहार के मुख्यमंत्री के साथ भी चर्चा करूंगी.
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