बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को अगले तीन महीने में जांच पूरी करने के निर्देश दिए हैं. सीबीआई ने इस केस की सुनवाई के दौरान जांच के लिए 6 महीने का समय मांगा था.
इस चर्चित शेल्टर होम केस में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को रिपोर्ट पेश करने के लिए वक्त दिया था. कोर्ट ने सीबीआई से कहा था कि अगले दो हफ्तों में स्टेटस रिपोर्ट पेश की जाए. इससे पहले सीबीआई की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कई चौंका देने वाले खुलासे हुए थे.
11 लड़कियों की हत्या का खुलासा
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम से लापता 11 लड़कियों की हत्या कर दी गई थी. सीबीआई के मुताबिक मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर ने अपने साथियों के साथ मिलकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया. सीबीआई ने आरोपियों से पूछताछ के बाद उनकी बताई जगह से हड्डियों की पोटली भी बरामद की थी.
इस चर्चित केस में सबसे ज्यादा सवाल बिहार की नीतीश कुमार सरकार पर उठे हैं. सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले को लेकर नीतीश कुमार सरकार को फटकार लगा चुका है. कोर्ट ने इस केस की सुनवाई के दौरान सरकार से पूछा था कि आप कैसे सरकार चला रहे हैं. कोर्ट के अलावा विपक्षी दल भी इस मामले को लेकर नीतीश सरकार पर जमकर हमलावर हैं.
तेजस्वी ने की थी बर्खास्त करने की मांग
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस को लेकर नीतीश सरकार को घेरते आए हैं. सीबीआई के हलफनामे के ठीक बाद उन्होंने राज्यपाल से बिहार सरकार को बर्खास्त करने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि इस केस में नीतीश कुमार के कई करीबी और उनके मंत्री शामिल हैं. तेजस्वी ने कहा, 'नीतीश कुमार में शर्म बची है तो मुजफ्फरपुर बालिका गृह बलात्कार कांड में साक्ष्य मिलने के बाद तो अब माफी मांग लेनी चाहिए. नीतीश कुमार बृजेश ठाकुर के मुजफ्फरपुर घर क्या करने जाते थे? उन्होंने उस दरिंदे पर FIR क्यों नहीं की? बाद मे की तो पॉक्सो एक्ट की धारा क्यों नहीं लगाई?’
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