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भारत के मिजोरम (Mizoram) से सटी सीमा पर म्यांमार सेना ने विद्रोही-संगठनों के कैंप पर हवाई हमले की कार्रवाई की है. इस हमले से कैंप के करीब राज्य के चम्फाई जिले के इलाकों में भय और दहशत फैल गई है. बताया जा रहा है कि कम से कम एक गोला भारत की ओर गिरा. चम्फाई जिले के एक अधिकारी के अनुसार, कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन सीमा के पास एक नदी तट पर एक ट्रक क्षतिग्रस्त हो गया.
इस हवाई हमलों ने उस अस्थिरता को फिर से उजागर कर दिया है जो म्यांमार में करीब दो साल पुराने तख्तापलट की वजह से इलाके में हुआ था. म्यांमार के दूसरे हिस्सों में इसी तरह की हवाई बमबारी ने बांग्लादेश और थाईलैंड के साथ तनाव पैदा कर दिया है.
म्यांमार की सेना ने मंगलवार दोपहर को चिन राज्य के कैंप विक्टोरिया पर हवाई हमले (air strikes) शुरू किया और यह हमला रात तक जारी रहा. चिन ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन ने कहा कि उसके पांच कैडर, जिनमें से दो महिलाएं हैं, हमलों में मारे गए. बुधवार को भी छापेमारी होती रही.
कैंप विक्टोरिया चिन राज्य में एक जातीय सशस्त्र संगठन चिन नेशनल आर्मी (CNA) का मुख्यालय है. नागरिक सेना लंबे समय से निष्क्रिय थी, लेकिन 1 फरवरी, 2021 को म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद से, इसने जुंटा के खिलाफ लड़ाई में लोकतंत्र समर्थक नागरिक मिलिशिया से हाथ मिला लिया है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक कैंप विक्टोरिया के 2 से 5 किमी के दायरे में मिजोरम के फरकावन गांव के निवासी बमबारी की आवाज सुनकर घबरा गए. टियाउ नदी के भारतीय किनारे पर काम करने वाले लोग, गांव में अपने घरों को भाग गए. वहीं भारत की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. हालांकि भारतीय सैन्य सूत्रों ने कहा कि बम नदी में गिरा था.
बता दें कि भारत और म्यांमार के बीच टियाउ (Tiau) नदी को बॉर्डर के तौर पर माना जाता है.
फरकावन गांव के रहने वालों ने असम राइफल्स के जवानों को इलाके का निरीक्षण करते देखा था. स्थानीय एक्टिविस्ट ने कहा कि बम का गोला भारतीय क्षेत्र में नदी के तट से 30 मीटर की दूरी पर गिरा. फरकावन गांव के एक निवासी ने कहा, "लोग बहुत सदमे में हैं, वे डरे हुए हैं." चम्फाई जिले में स्थित मिजोरम सरकार के एक अधिकारी, जहां फरकावन गांव स्थित है, ने कहा कि सीमा के भारतीय हिस्से में एक ट्रक हमले में क्षतिग्रस्त हो गया.
यंग मिजो एसोसिएशन (वाईएमए) के प्रतिनिधि, जो फरकावन के करीब रहते हैं और बुधवार को इलाके का दौरा किया था, ने कहा कि ग्रामीणों में "भय और तनाव का माहौल" था. “मंगलवार को जब विस्फोट हुआ, कुछ ग्रामीण तियाउ नदी पर काम कर रहे थे … वे भागने लगे. नदी के दूसरी तरफ काम कर रहे कुछ लोग भारत की ओर भी भाग गए."
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