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म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद शुरू हुई हिंसा की भारत ने कड़ी निंदा की है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि, हम म्यांमार में लोकतंत्र की बहाली का समर्थन करते हैं. भारत ने म्यांमार में जारी मौजूदा गतिरोध को खत्म करने के लिए राजनीतिक बंदी और उनके समर्थकों को रिहा करने की मांग की है.
म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद जारी हिंसा को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने चिंता जताई है और कहा है कि भारत इस हिंसा की कड़ी निंदा करता है. भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक,
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि, म्यांमार में भारत के दूतावास में कामकाज जारी है और हमारे डिप्लोमेट्स अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं. विदेश मंत्रालय ने बताया कि बिमस्टेक की मीटिंग में म्यांमार की स्थिति पर कोई चर्चा नहीं हुई.
विदेश मंत्रालय की तरफ से ये भी बताया गया कि, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 22-23 अप्रैल को होने वाले वर्चुल क्लाइमेट समिट में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया है. पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति की इस पहल का स्वागत करते हुए उनके आमंत्रण को स्वीकार कर लिया है.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि, क्लाइमेट पर अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत जॉन कैरी 5 से 8 अप्रैल तक भारत दौरे पर आएंगे.
भारत-पाकिस्तान के बीच संबंधों को फिर से बहाल करने की कोशिशें जारी हैं. तजिकिस्तान के दुशांबे में ‘हार्ट ऑफ एशिया’मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में शामिल हुए. यहां पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी पहुंचे थे.
कोरोना वैक्सीन के निर्यात पर रोक लगाने की बात को विदेश मंत्रालय ने खारिज कर दिया. MEA के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि, भारत ने कोविड-19 वैक्सीन के निर्यात पर रोक नहीं लगाई है.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि अब तक भारत 80 से ज्यादा देशों को वैक्सीन की सप्लाई कर चुका है.
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