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1 जनवरी को स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी को इंदौर में शो करते हुए पुलिस ने धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. 5 फरवरी को मुनव्वर को जमानत मिल गई और उन्होंने उसी दम-खम से स्टैंडअप कॉमेडी की दुनिया में वापसी की. 28 फरवरी को मुनव्वर ने यूट्यूब पर स्टैंडअप कॉमेडी का एक वीडियो भी जारी किया, जिसे 4.5 मिलियन से ज्यादा बार देखा जा चुका है. दिल्ली और पुणे में हुए उनके हालिया शो हाउसफुल रहे. मुनव्वर के साथ ही इंदौर के स्टैंडअप कॉमेडियन नलिन यादव को भी गिरफ्तार किया गया था, लेकिन नलिन के लिए कॉमेडी की दुनिया में वापस लौटना उतना आसान नहीं है.
वजह ये है कि नलिन दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर जैसे शहर के नहीं बल्कि एक ऐसे शहर (इंदौर) के कॉमेडियन हैं, जहां स्टैंडअप कॉमेडी का ज्यादा बोलबाला नहीं. हालिया विवाद के बाद कोई आयोजक उन्हें मौका देकर रिस्क भी नहीं लेना चाहता.
नलिन बताते हैं कि उनकी कहानी सामने आने के बाद मुनव्वर ने उन्हें कॉल कर पूछा भी कि वे क्या मदद कर सकते हैं. लेकिन, उन्हें किसी आर्थिक मदद की जरूरत नहीं है, बस वे स्टेज पर खुद की वापसी चाहते हैं. तब तक सर्वाइवल के लिए कुछ तो करना ही पड़ेगा, इसलिए मजदूरी कर रहे हैं.
जेल से बाहर आने के बाद नलिन की जिंदगी कैसे कट रही है, वह आगे स्टैंडअप कॉमेडी कर पाएंगे या नहीं, छोटे शहरों में स्टैंडअप कॉमेडी कितनी मुश्किल है, इन सभी सवालों के जवाब नलिन ने क्विंट हिंदी से हुई बातचीत में दिए.
नलिन आप भी मुनव्वर के साथ गिरफ्तार हुए थे, जेल से आकर उन्होंने कॉमेडी शुरू कर दी, आप क्यों नहीं कर पाए?
इस केस से पहले भी मुनव्वर एक स्थापित स्टैंडअप कॉमेडियन थे. वे इंदौर एक शो करने आए थे. वे मशहूर हैं इसलिए दोबारा वहीं से शुरू कर सकते हैं जहां गिरफ्तारी से पहले थे. लेकिन, मेरे साथ परिस्थितियां थोड़ी अलग हैं. मैं एक लोकल स्टैंडअप कॉमेडियन हूं, जो सिर्फ इंदौर में परफॉर्म करता था.
मुनव्वर के पास विकल्प है कि वे इंदौर के अलावा देश में कहीं भी परफॉर्म कर लेंगे, लेकिन मुझे सिर्फ इंदौर में ही लोग बतौर कॉमिक जानते हैं, यह एक कारण है. दूसरा कारण ये है कि मेरी आय का जरिया स्टैंडअप कॉमेडी नहीं था, मुझे परफॉर्म करने के पैसे नहीं मिलते थे. बाहर से आने वाले कॉमेडियंस के शो को प्रोड्यूस करके या फिर ओपन माइक ऑर्गेनाइज करके मैं कमाता था.
मुनव्वर को 5 फरवरी को जमानत मिल गई. आपको 26 फरवरी को मिल पाई, आपके मामले में ये देरी क्यों हुई?
हमारी कोशिश थी कि पहले मुनव्वर को जमानत मिले फिर हम अपील करें. हमें ये पता था कि मुनव्वर को जमानत मिलने के बाद हमारा रास्ता आसान हो सकता है. मेरी जमानत याचिका हाई कोर्ट से खारिज हो गई थी. फिर मुनव्वर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जब हम दोबारा हाईकोर्ट गए तो जमानत मिल गई. सिर्फ मैं ही जेल में नहीं रहा हूं, इसी केस में गिरफ्तार हुए सदाकत को भी इसी प्रक्रिया से गुजरना पड़ा.
उस शो के बारे में बताएं, जब आपकी गिरफ्तारी हुई, क्या आप पर भी धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप था?
मुनव्वर फारुकी के शो में मुझे ओपन स्पॉट करना था. जब कोई भी बड़ा कॉमेडियन किसी शहर में आता है, तो उसके परफॉर्मेंस से पहले एक लोकल कॉमेडियन 5 मिनट परफॉर्म करता है, जिसे ओपन स्पॉट कहा जाता है. गिरफ्तार हुए सभी 6 लोगों पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का ही आरोप है. मैंने तो ‘प्री मैरिटल सेक्स’ पर जोक किया था.
क्या आपने मुनव्वर से मदद मांगी? क्या स्टैंडअप कॉमडियन्स में से किसी ने आपसे संपर्क किया या आपने संपर्क किया?
नहीं, मैंने ही मुनव्वर से हेल्प नहीं मांगी. जेल से निकलते ही मेरी मुनव्वर से वीडियो कॉल पर बात हुई थी, उस समय हम दोनों ही जल्दी में थे. 1 जनवरी को हुए उस शो से पहले मैं उन्हें इतने करीब से जानता ही नहीं था. लेकिन, इन 2 महीनों में मैंने जितना उन्हें जाना, वे खुद भी अपने जीवन में काफी कठिन संघर्ष कर रहे हैं. हर परेशानी इंसान इंस्टाग्राम पर शेयर नहीं करता. केस में गिरफ्तार हुए सभी 6 लोगों के जीवन में अपने संघर्ष चल रहे हैं. यही वजह थी कि मैंने खुद मुनव्वर से संपर्क नहीं किया.
जैसे ही मुनव्वर को पता चला मैं परेशानी में हूं, उन्होंने खुद मुझे कॉल किया और पूछा कि वे क्या मदद कर सकते हैं. कई अन्य लोग भी मदद ऑफर कर रहे हैं. लेकिन, अपनी परेशानी सामने लाने के पीछे मेरा मकसद ये नहीं था कि लोग मेरी मदद करें. मैं बस वापस स्टेज पर आना चाहता हूं. कई लोग मुनव्वर को मेरी इस परेशानी का जिम्मेदार बता रहे हैं, ये गलत है.
जेल में आपके साथ क्या हुआ? कुछ शेयर करना चाहेंगे?
वही बुरा था कि हम जेल में थे. बाकी कई मददगार लोग भी जेल में मिले. बहुत अच्छे लोग हैं वहां पर. जब मैं बीमार पड़ा तो एक ‘काका’ मुझे जबरदस्ती खाना खिलाते थे. जब मैं जेल से बाहर आ रहा था तो बैरक के सभी लोग मिलने आए और सभी ने मुझसे कहा कि यहां दोबारा मत आना, ये जगह तुम्हारे लिए नहीं है. जेल से बाहर निकलकर जो परिस्थितियां मेरे सामने हैं, वो जेल से ज्यादा खराब हैं.
ऐसी क्या मजबूरी आ गई कि आपको स्टैंडअप कॉमेडी छोड़नी पड़ी?
लॉकडाउन की वजह से स्टैंडअप कॉमेडी पहले से ही बंद थी. मेरे पास ज्यादा सेविंग्स नहीं थीं. हम अक्टूबर से वापस स्थितियों को सुधारने की कोशिश में थे, जनवरी में ये केस हो गया. मेरा छोटा भाई 17 साल का है, मेरी गिरफ्तारी के बाद उसे भी जॉब करनी पड़ी. वकीलों ने मेरा केस बिना फीस के लड़ा, लेकिन और भी कई खर्चे थे जिन्हें उठाना आसान नहीं था. इंदौर में मुझे शो नहीं मिल रहे हैं. लोगों को लगता है कि मैं परफॉर्म करूंगा तो विवाद हो सकता है. इंदौर में छोटी-मोटी नौकरी नहीं करना चाहता था. इसलिए पीथमपुरा की फैक्ट्री में आकर काम करने लगा.
अभी जो आप काम कर रहे हैं उसके बारे में कुछ बताएं?
एक फैक्ट्री है जहां बैग की फोल्डिंग का काम होता है. वहीं बतौर हेल्पर काम करता हूं. 12 घंटे काम करने के 200 रुपए मिलते हैं.
क्या अब स्टैंडअप कॉमेडी छोड़ने का मन बना लिया है?
कतई नहीं. फैक्ट्री का काम मैं पूरे महीने नहीं करता. 15 दिन काम करता हूं, फिर बाकी समय इस कोशिश में लगाता हूं कि कोई शो मिल जाए. मैं कॉमेडी नहीं छोड़ूंगा. मेरी मां को कैंसर था, उस स्थिति में भी मैंने कॉमेडी नहीं छोड़ी थी. मैं कॉमेडी नहीं छोड़ सकता. अभी जो काम कर रहा हूं, वो सिर्फ सर्वाइवल के लिए है.
मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों में स्टैंडअप कॉमेडी की चुनौतियां क्या कुछ ज्यादा ही हैं?
नहीं, ये पूरी तरह सच नहीं है. इन राज्यों में भी कई सफल स्टैंडअप कॉमेडी शो होते हैं. इंदौर में हर हफ्ते एक बड़ा स्टैंडअप कॉमेडियन परफॉर्म करने आता है. हां, ये जरूर सच है कि मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में अधिकतर शहरों में स्टैंडअप कॉमेडी के बारे में लोग जानते नहीं हैं. यही चुनौती होती है कि आपके पास ऑडियंस नहीं होती. स्टैंडअप कॉमेडी अभी भारत में ही नई है, तो ऑडियंस बनने में समय लगेगा. लोग स्टैंडअप कॉमेडी समझने लगेंगे तो इन राज्यों में भी कोई परेशानी नहीं होगी.
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