Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019NaMo ऐप से डेटा ‘शेयर’ करने के विवाद पर अमेरिकी कंपनी की सफाई

NaMo ऐप से डेटा ‘शेयर’ करने के विवाद पर अमेरिकी कंपनी की सफाई

नरेंद्र मोदी के ऑफिशियल मोबइल ऐप को लेकर आरोपों का सामना कर रही अमेरिकी कंपनी ने मंगलवार को सफाई पेश की है

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
अमेरिकी कंपनी ने कहा- हम डेटा नहीं बेचते
i
अमेरिकी कंपनी ने कहा- हम डेटा नहीं बेचते

advertisement

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑफिशियल मोबाइल ऐप को लेकर आरोपों का सामना कर रही अमेरिकी कंपनी ने मंगलवार को सफाई पेश की है. कंपनी पर आरोप है कि उसने बिना यूजर्स की सहमति के मोदी ऐप से उनका निजी डेटा हासिल किया है.

कंपनी ने कहा कि वो डेटा को बेचती या किराये पर नहीं देती है. कंपनी के को-फाउंडर आनंद जैन ने ई- मेल से भेजे जवाब में कहा, " पब्लिशर के जुटाए गए डेटा तक क्लेवरटैप के कर्मचारियों की कोई पहुंच नहीं है." उनसे पूछा गया था कि क्या नमो एप के जरिये कंपनी की पहुंच यूजर्स की निजी जानकारियों तक है. मतलब, कंपनी का कहना है कि सिर्फ उसके पास डेटा स्टोर होता है, उसका किसी भी तरीके से कोई इस्तेमाल नहीं किया जाता है.

5 साल पुरानी कंपनी है क्लेवरटैप

अमेरिका की 5 साल पुरानी स्टार्टअप कंपनी को एक रिसर्चर के आरोपों के कारण आलोचना का सामना करना पड़ा रहा है. रिसर्चर का आरोप है कि मोदी का नमो ऐप नाम, ई-मेल, मोबाइल नंबर, डिवाइस की इंफॉर्मेशन और लोकेशन जैसी निजी जानकारियां बिना यूजर्स की सहमति के कंपनी के सर्वरों को भेज रहा है. हालांकि, भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि डेटा का इस्तेमाल केवल थर्ड पार्टी एनालिटिक्स के लिए होता है. जैन ने सोमवार को अपने ब्लॉग पोस्ट में बिना नमो ऐप का नाम लिए कहा था,

” निजता, सुरक्षा और क्लेवरटैप जैसे सर्विस प्रोवाइडर की भूमिका को लेकर हाल में चल रही चर्चा को लेकर ... हम सुरक्षा, यूजर्स की सहमित और डेटा सुरक्षा को लेकर अपना रुख साफ करना चाहते हैं. क्लेवरटैप पब्लिशर्स के डेटा के साथ बेचने, साझा करने, किराए पर देने जैसा कोई काम नहीं करती है.”

जैन ने कहा कि पब्लिशर्स का डेटा और सर्विस प्रोवाइडर के साथ साझा किए डेटा का कंट्रोल पब्लिशर्स की कॉन्फिडेंशियल पॉलिसी के आधार पर होता है. हम इस पॉलिसी को कंट्रोल नहीं करते हैं और न ही उनकी समीक्षा करते हैं. हम अपने स्तर पर दूसरे स्त्रोतों से हासिल डेटा का संयोजन या उसको बढ़ाते नहीं है. उन्होंने साफ किया कि क्लेवरटैप ब्रांड है और उसकी मूल कंपनी का नाम विजरॉकेट है. कंपनी की स्थापना मई 2013 में तीन भारतीयों आनंद जैन, सुनील थॉमस और सुरेश कोंडामुडी ने की थी.

(इनपुट: पीटीआई)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 27 Mar 2018,06:30 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT