Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019मोदी सरकार की निजीकरण पॉलिसी के विरोध में कई मंत्रालाय:रिपोर्ट

मोदी सरकार की निजीकरण पॉलिसी के विरोध में कई मंत्रालाय:रिपोर्ट

तीन विभागों ने सरकार को सशर्त मंजूरी दी और 10 ने सचेत करते हुए सुझाव और टिप्पणियां भेजी हैं.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण
i
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण
(फाइल फोटो : PTI)

advertisement

नरेंद्र मोदी सरकार के निजीकरण नीतियों का अब उनके ही कई प्रमुख मंत्रालयों की तरफ से विरोध का सामना करना पड़ रहा है. ब्लूमबर्ग क्विंट ने एक रिपोर्ट के हवाले से इस बात का दावा किया है. अहम मंत्रालयों द्वारा भारी दबाव और चिंताओं के बावजूद, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को 2021-22 के केंद्रीय बजट में न्यू पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइज पॉलिसी की घोषणा की.

सबसे पहले मई 2020 में COVID-19 महामारी के बीच आर्थिक पैकेज के एक भाग के रूप में घोषित किया गया था, वित्त मंत्रालय के निवेश और सार्वजनिक उद्यम विभाग को पॉलिसी तैयार करने का काम सौंपा गया था.

आपको ये क्यों पढ़ना चाहिए

नीति अयोग समेत 49 मंत्रालयों और विभागों को 6 जुलाई को टिप्पणी करने के लिए कहा गया और उन्हें अपनी प्रतिक्रिया और सुझाव देने के लिए दो हफ्ते का समय दिया गया था.

इस दौरान 21 मंत्रालयों और विभागों ने बिना किसी महत्वपूर्ण टिप्पणी की पेशकश के नीति का समर्थन किया, सात विभाग चाहते थे कि उनके द्वारा नियंत्रित क्षेत्र स्ट्राटेजिक लिस्ट में हो, वहीं सात मंत्रालयों ने पॉलिसी में छूट मांगी.

ब्लूमबर्ग क्विंट की रिपोर्ट के मुताबिक, तीन विभागों ने सशर्त मंजूरी दी और 10 ने सचेत करते हुए सुझाव और टिप्पणियां भेजी.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

हम क्या जानते हैं...

एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में कहा गया है कि, बाकी विभागों में, अंतरिक्ष विभाग ने 24 जुलाई 2020 को एक पत्र लिखा, जिसमें सुझाव दिया गया कि दो राज्य के स्वामित्व वाली फर्मों के नियंत्रण में - एंट्रिक्स कॉर्प और न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड - को निजीकरण के लिए नहीं माना जाना चाहिए.

चिट्ठी में कहा गया है,

“पूर्व में एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता पुरस्कार के कारण लगभग 9,200 करोड़ रुपये की देनदारी के साथ भारी मुकदमेबाजी का सामना करना पड़ा है, और बाद में ‘सरकार की योजना अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने के लिए है,” हालांकि, विभाग ने कहा कि वो निजीकरण के प्रस्ताव के समर्थन में था.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी रणनीतिक क्षेत्र के रूप में स्वास्थ्य सेवा को शामिल न करने का विरोध करते हुए एक चिट्ठी लिखी है.

चिट्ठी में कहा गया है कि इसने प्रस्तावित निजीकरण नीति का समर्थन किया "एक रणनीतिक क्षेत्र के रूप में स्वास्थ्य सेवाओं के समावेश के अधीन" जहां एक सरकार के स्वामित्व वाली इकाई की मौजूदगी की जरूरत है. चिट्ठी में अपनी बात साफ करने के लिए COVID-19 से निपटने के अनुभव का हवाला दिया गया है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT