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पीएम नरेंद्र मोदी 30 मई को एक बार फिर प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. जीत बड़ी है तो जश्न भी धमाकेदार करने की तैयारी है. माना जा रहा है कि इस बार का शपथ ग्रहण समारोह भव्य होगा. समारोह में करीब 6000 लोगों के आने का अनुमान है. पहली बार राष्ट्रपति भवन इतने लोगों की एक साथ मेहमाननवाजी कर रहा है. जब इतना ग्रैंड सेलीब्रेशन है तो मेहमानों के खान-पान, भोज-पकवान की भी बड़ी तैयारी की जा रही है.
यह चौथा मौका है जब प्रधानमंत्री पद की शपथ दरबार हॉल की जगह राष्ट्रपति भवन के बाहरी प्रांगण में होगी. राष्ट्रपति भवन के किचन में ही सारे मेहमानों के लिए पकवान तैयार हो रहे हैं. कुछ पकवान तो इतने स्पेशल हैं कि इनकी तैयारी समारोह के दो दिन पहले से ही शुरू हो चुकी है.
इसके बाद डिनर की व्यवस्था होगी. डिनर शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह का होगा. सारे खाने का इंतजाम राष्ट्रपति भवन के किचन में ही होगा.
डिनर मेन्यू में ‘दाल रायसीना’ को भी जगह दी गई है, जिसे लेकर सबसे खास इंतजाम किया जा रहा है. इस खास पकवान को बनाने में दो दिन का वक्त लगता है. इसलिए इसको पकाने की तैयारियां 48 घंटे पहले ही शुरू की जा चुकी हैं.
शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए BIMSTEC के शीर्ष नेताओं को न्योता भेजा गया है. जब साल 2014 में पहली बार नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, तब उनके शपथ ग्रहण समारोह में SAARC देशों के नेताओं ने शिरकत की थी. लेकिन इस बार बिम्सटेक देशों को बुलावा भेजा गया है.
बिम्सटेक बंगाल की खाड़ी से जुड़े दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया के सात देशों से मिलकर बना है, जिसका मकसद क्षेत्रीय एकता और सहयोग को बढ़ावा देना है. इसमें दक्षिण एशिया के 5 (बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, श्रीलंका) और दक्षिण-पूर्व एशिया के दो देश (म्यांमार और थाइलैंड) शामिल हैं.
सबसे खास बात है पीएम मोदी के शपथ ग्रहण में ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल को भी न्योता दिया गया है. हालांकि पहले ममता बनर्जी ने हां कर दी थी, लेकिन एक दिन पहले ही ममता ने इस समारोह में शामिल होने से इनकार कर दिया. वहीं बात-बात में मोदी सरकार को कोसने वाले केजरीवाल भी इस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए तैयार हो गए हैं.
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