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छत्तीसगढ़ के सुकमा-बीजापुर बॉर्डर पर 3 अप्रैल को सुरक्षा बल और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ की इनसाइड स्टोरी सामने आई है. करीब 700-750 नक्सलियों ने गांव के घरों में घुसकर सुरक्षाबल को निशाना बनाया था. जिसमें 22 जवान शहीद हो गए. सीआरपीएफ ने दावा किया है कि इस हमले में जवानों ने 28 से ज्यादा नक्सलियों को मार गिराया है.
CRPF के महानिदेशक कुलदीप सिंह ने पूरे घटना की तस्वीर सामने रखी है. उन्होंने कहा, "जवान जब सर्च करके जंगलों से होते हुए आ रहे थे, तो टेकलागुड़म के पास नक्सली घात लगाए थे. उन्होंने अचानक जवानों पर गोली चलानी शुरू कर दी. हमारी फोर्स रणनीति के हिसाब से लड़ाई करने लगी. इसमें कई लोग घायल हो गए.
छत्तीसगढ़ पुलिस के मुताबिक नक्सलियों के घातक बटालियन 1 के कमांडर हिडमा की मौजूदगी की खुफिया जानकारी के आधार पर ऑपरेशन शुरू किया गया था. इसी जानकारी को देखते हुए 3 अप्रैल को DRG, एसटीएफ, कोबरा और सीआरपीएफ की संयुक्त नक्सल विरोधी अभियान टीम को ऑपरेशन के लिए रवाना किया गया था.
कुलदीप सिंह बताते हैं,
बता दें कि इस हमले में शहीद होने वालों में 8 DRG बीजापुर के जवान, 6 STF छत्तीसगढ़ के जवान, 7 कोबरा के जवान और 1 बस्तरिया बटालियन का जवान है. एक जवान अभी लापता है.
CRPF को अबतक नक्सलियों की तरफ से जवान को अगवा करने की कोई जानकारी नहीं मिली है. हालांकि CRPF के महानिदेशक का कहना है कि खबरें चल रही हैं कि एक जवान नक्सलियों के कब्जे में है. हालांकि अब तक माओवादियों ने जवान को वापस करने के बदले में कोई मांग नहीं रखी है.
कुलदीप सिंह के मुताबिक, नक्सलियों के शायद 28 लोग मारे गए हैं. वो कहते हैं, "ये सच है कि वे (नक्सली) अपने मारे गए सभी लोगों की संख्या को स्वीकार नहीं करते, लेकिन यह संख्या निश्चित तौर पर 28 से ज्यादा होगी. घायलों कि संख्या उससे ज्यादा होगी." वहीं इस हमले में करीब 30 जवान घायल हुए हैं. जिनका इलाज चल रहा है.
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