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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला पर से पीएसए हटा दिया गया है. वो जल्द ही रिहा हो जाएंगे. राज्य सरकार ने शुक्रवार को नजरबंदी खत्म करने का आदेश जारी किया है. आर्टिकल -370 हटने के बाद 5 अगस्त को फारुख अब्दुल्ला को नजरबंद किया गया था. उन्हें अपने घर पर ही नजरबंद किया गया था.
कुछ दिनों पहले ही फारुख अब्दुल्ला ने एक चिट्ठी लिखकर कहा था कि वो कोई अपराधी नहीं हैं, जो उन्हें सब-जेल में रखा जा रहा है. उन्होंने कहा था कि संसद के एक वरिष्ठ सदस्य के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं किया जाता.
फारुख अब्दुल्ला की चिट्ठी को ट्विटर पर पोस्ट करते हुए शशि थरूर ने लिखा था-, 'फारुख साहब की चिट्ठी. सांसदों को सेशन में भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए. नहीं तो, गिरफ्तारी को विपक्ष की आवाज दबाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है. संसद में भागीदारी लोकतंत्र और संप्रभुता के लिए जरूरी है.'
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