कांग्रेस नेता शशि थरूर को नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने एक चिट्ठी लिखी है, जिसे थरूर ने ट्विटर पर शेयर किया है. फारुख अब्दुल्ला को अभी भी नजरबंद किया हुआ है. अब्दुल्ला ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि वो कोई अपराधी नहीं हैं, जो उन्हें सब-जेल में रखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि संसद के एक वरिष्ठ सदस्य के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं किया जाता.
फारुख अब्दुल्ला ने ये चिट्ठी शशि थरूर के लेटर के जवाब में लिखी है. अपनी चिट्ठी में अब्दुल्ला ने लिखा,
‘21 अक्टूबर, 2019 को लिखी गई आपकी चिट्ठी के लिए शुक्रिया. वो मुझे आज मजिस्ट्रेट ने दी, जो मेरा ध्यान रख रहा है, जब मैं इस सब-जेल में हूं. ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि वो मुझे मेरी चिट्ठी समय पर नहीं दे पाए. मुझे यकीन है कि संसद के एक वरिष्ठ सदस्य और एक पार्टी नेता के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं किया जाता. हम अपराधी नहीं हैं.’
फारुख अब्दुल्ला की चिट्ठी को ट्विटर पर पोस्ट करते हुए शशि थरूर ने लिखा, 'फारुख साहब की चिट्ठी. सांसदों को सेशन में भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए. नहीं तो, गिरफ्तारी को विपक्ष की आवाज दबाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है. संसद में भागीदारी लोकतंत्र और संप्रभुता के लिए जरूरी है.'
अगस्त से नजरबंद में जम्मू-कश्मीर के नेता
फारुख अब्दुल्ला, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती जैसे कई नेताओं को जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से ही नजरबंद किया हुआ है. 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा देने वाला आर्टिकल 370 हटा दिया गया था. सरकार का कहना है कि नेताओं को नजरबंद बचाव के लिए किया गया है.
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