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महिलाओं और SC-ST के खिलाफ देश में बढ़ा क्राइम, जानिए NCRB की रिपोर्ट में क्या है?

NCRB 2022 Report: दिल्ली महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित महानगर बना हुआ है, यहां 2022 में एक दिन में तीन रेप के मामले दर्ज किए गए.

वर्षा श्रीराम
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>महिलाओं के खिलाफ क्राइम में 4% बढ़ोतरी, दिल्ली 'सबसे असुरक्षित': NCRB डेटा में क्या?</p></div>
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महिलाओं के खिलाफ क्राइम में 4% बढ़ोतरी, दिल्ली 'सबसे असुरक्षित': NCRB डेटा में क्या?

(फोटो- क्विंट हिंदी)

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भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध 2021 की तुलना में 2022 में 4 फीसदी बढ़ गया. पिछले साल 4,45,256 केस दर्ज किए गए. रविवार, 3 दिसंबर को जारी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के जरिए यह डेटा सामने आया है. वार्षिक NCRB रिपोर्ट में बच्चों, अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और साइबर अपराधों के खिलाफ दर्ज किए गए अपराधों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है.

NCRB के आंकड़ों से पता चलता है कि 2022 में हर दिन औसतन तीन रेप केस दर्ज होने के साथ दिल्ली, भारत में महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित महानगरीय शहर बना हुआ है.

महिलाओं के खिलाफ अपराध: राज्यों में उत्तर प्रदेश टॉप पर, शहरों में दिल्ली

NCRB की रिपोर्ट यह भी दर्शाती है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध की दर (प्रति 1 लाख जनसंख्या पर घटनाओं की संख्या) 2021 में 64.5 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में 66 प्रतिशत हो गई है.

इसमें से 2022 के दौरान 19 महानगरीय शहरों में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 48,755 केस दर्ज किए गए, जो 2021 (43,414 मामले) की तुलना में 12.3% की बढ़ोतरी दिखाता है.

इनमें से ज्यादातर मामले इस तरह के हैं:

  • पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता: 31.4%

  • महिलाओं का अपहरण: 19.2%

  • महिलाओं को अपमानित करने के इरादे से हमला: 18.7%

  • रेप: 7.1%

अलग-अलग राज्यों पर नजर डालने से पता चलता है कि साल 2022 में महिलाओं के खिलाफ 65,743 मामले दर्ज हुए. इस लिस्ट में उत्तर प्रदेश टॉप पर है, इसके बाद महाराष्ट्र (45,331) और राजस्थान (45,058) हैं.

महानगरीय शहरों में कैसे हालात?

  • दिल्ली में लगातार तीसरे साल महिलाओं के खिलाफ सबसे ज्यादा 14,158 मामले दर्ज किए गए और प्रति एक लाख महिलाओं पर लगभग 186.9 अपराध दर्ज किए गए.

  • NCRB के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले इस कैटेगरी के कुल अपराधों का 31.20 फीसदी हैं.

  • 'महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उन पर हमला' और 'महिलाओं का अपहरण' की श्रेणियों के तहत, दिल्ली 19 महानगरीय शहरों में पहले नंबर पर है.

  • राष्ट्रीय राजधानी के बाद 6,176 मामलों के साथ मुंबई और 3,924 मामलों के साथ बेंगलुरु दूसरे और तीसरे नंबर पर है.

रेप से संबंधित मामले: भारत में 2022 के दौरान कुल 31,516 रेप केस दर्ज किए गए.

इसके अलावा:

  • राजस्थान में 5,399 मामले

  • उत्तर प्रदेश में 3,690 मामले

  • मध्य प्रदेश में 3,029 मामले

  • महाराष्ट्र में 2,904 मामले

  • हरियाणा में 1,787 मामले

'बलात्कार/गैंगरेप के साथ हत्या' की श्रेणी के तहत, उत्तर प्रदेश 62 ऐसे रजिस्टर्ड मामलों के साथ फिर से लिस्ट में पहले नंबर पर है, इसके बाद मध्य प्रदेश 41 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर है.

NCRB के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल दिल्ली में 1,204 रेप केस दर्ज किए गए, इसके बाद जयपुर में 497 मामले दर्ज किए गए.

बच्चों के खिलाफ अपराध: महाराष्ट्र पहले नंबर पर

2022 के दौरान बच्चों के खिलाफ अपराध के कुल 1,62,449 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 (1,49,404 मामले) की तुलना में 8.7% की बढ़ोतरी दिखाता है.

अगर इन मामलों का प्रतिशत निकाला जाए तो:

  • अपहरण एवं अपहरण: 45.7 फीसदी

  • यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (39.7%), जिसमें बाल बलात्कार भी शामिल है.

राज्यों में महाराष्ट्र के अंदर 2022 में बच्चों के खिलाफ सबसे ज्यादा 20,762 मामले दर्ज किये गए, इसके बाद मध्य प्रदेश (20,415) और उत्तर प्रदेश (18,682) का स्थान है.

इसके अलावा:

  • उत्तर प्रदेश में POCSO अधिनियम के तहत 7,955 मामले दर्ज किए गए.

  • दिल्ली में 2022 में 1,529 POCSO मामले दर्ज किए गए.

  • 1,195 मामले दर्ज करने वाले महानगरीय शहरों में मुंबई दूसरे स्थान पर था.

किशोरों के खिलाफ दर्ज मामलों के बारे में क्या?: 2022 के दौरान किशोरों के खिलाफ कुल 30,555 मामले दर्ज किए गए हैं, जो 2021 (31,170 मामले) की तुलना में 2.0 फीसदी की गिरावट दर्शाता है.

2022 में दर्ज किए गए हत्या के मामले

2022 में, पूरे भारत के अंदर हत्या की कुल 28,522 प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की गईं. हर दिन औसतन 78 या हर घंटे तीन से ज्यादा हत्याएं हुईं.

NCRB के आंकड़ों के मुताबिक यह 2021 में 29,272 और 2020 में 29,193 से कम है.

प्रमुख उद्देश्य क्या थे?

  • 2022 में सबसे ज्यादा हत्या के मामलों में 9,962 मामलों के साथ 'विवाद' था.

  • 'व्यक्तिगत प्रतिशोध या शत्रुता' के तहत 3,761 मामले दर्ज किए गए

  • 1,884 मामलों के साथ 'लाभ' तीसरा सबसे बड़ा मकसद था.

NCRB के मुताबिक कुल हत्या पीड़ितों में से 8,125 महिलाएं और नौ "तीसरे लिंग के व्यक्ति" थे, जिनमें लगभग 70 फीसदी पीड़ित पुरुष थे.

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अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अपराध

अनुसूचित जाति के खिलाफ अपराध से संबंधित कुल 57,582 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 (50,900 मामले) की तुलना में 13.1 प्रतिशत की बढ़ोती दिखाते हैं. इस बीच, अनुसूचित जनजाति (ST) के खिलाफ अपराध करने के 10,064 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 (8,802 मामले) की तुलना में 14.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्शाते हैं.

लगातार तीसरे साल, उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति (SC) के खिलाफ सबसे ज्यादा 15,368 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 में 13,146 के मुकाबले बढ़ोतरी है. इसी तरह, राजस्थान भी 8,752 मामलों के साथ इसके बाद आता है, जो 2021 में 7,524 से ज्यादा है.

लिस्ट में कौन सा शहर टॉप पर है?

  • महानगरीय शहरों में लखनऊ (420) और जयपुर (381) में अनुसूचित जाति के खिलाफ सबसे अधिक अत्याचार हुए, इसके बाद कानपुर (376), बेंगलुरु (231), अहमदाबाद (189) और दिल्ली (129) हैं.

साइबर क्राइम के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी

साइबर क्राइम के तहत कुल 65,893 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 (52,974 मामले) की तुलना में पंजीकरण में 24.4% की बढ़ोतरी दिखाता है.

प्रमुख उद्देश्य क्या थे?

2022 में, दर्ज किए गए साइबर अपराध के 64.8% मामले (65,893 मामलों में से 42,710) धोखाधड़ी के मकसद से थे.

  • 5.5% पर जबरन वसूली (3,648 मामले)

  • यौन शोषण 5.2% (3,434 मामले)

लिस्ट में कौन सा शहर टॉप पर है?

  • तेलंगाना में 2022 के दौरान साइबर अपराध की सबसे ज्यादा 15,297 घटनाएं दर्ज की गईं.

  • कर्नाटक में 12,556 मामले

  • उत्तर प्रदेश में 10,117 मामले

महानगरीय शहरों में, बेंगलुरु 9,940 साइबर क्राइम मामलों की रिपोर्ट करके लिस्ट में टॉप पर है, इसके बाद मुंबई (4,724) और हैदराबाद (4,436) हैं.

दिलचस्प बात यह है कि दिल्ली में 2022 में केवल 685 साइबर अपराध से संबंधित मामले दर्ज हुए लेकिन, यह आंकड़ा 2021 (345) में रिपोर्ट की गई संख्या से दोगुना है.

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