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साल 2018 में खेती किसानी का काम करने वाले 10,349 लोगों ने आत्महत्या कर ली. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने अपने ताजा आकंड़ों में ये जानकारी दी है. ये साल 2018 में देशभर में हुई कुल आत्महत्याओं का करीब 7.7 परसेंट है. वैसे देशभर में सिर्फ साल 2018 में 1,34,516 लाख लोगों ने आत्महत्या की है.
एनसीआरबी का डाटा केंद्रीय गृह मंत्रालय जारी करता है. गृह मंत्रालय ही इंडियन पीनल कोड और स्थानीय कानूनों के आधार पर क्राइम के आंकड़ों पर डाटा को इकट्ठा करता है और उसका विश्लेषण करता है.
एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक कई राज्य ऐसे हैं जहां पर एक भी किसान ने आत्महत्या नहीं की है. इन राज्यों में पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, उत्तराखंड, मेघालय, गोवा, चंडीगढ़, दमन और दीव, लक्ष्यद्वीप और पुडुचेरी शामिल हैं.
एनसीआरबी ने 8 जनवरी को जो रिपोर्ट जारी की है उसमें 2017 के डेटा को पब्लिक नहीं किया गया. रिपोर्ट के मुताबिक आत्महत्या करने वाले ज्यादातर किसान पुरुष हैं. हालांकि 306 महिला किसानों ने आत्महत्या की है. आत्महत्या करने वाले किसानों में 5,763 जमीन वाले किसान थे वहीं 4,586 भूमिहीन किसान थे.
2018 में देशभर में कुल 1,34,516 आत्महत्या के केस दर्ज हुए. जबकि 2017 में 1,29,887 केस दर्ज हुए थे. मतलब 2017 के मुकाबले 2018 में 3.6 परसेंट की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
महाराष्ट्र में साल 2018 में 17,972 लोगों आत्महत्या की. वहीं तमिलनाडु राज्य में 13,896 लोगों ने सुसाइड किया. इसके अलावा पश्चिम बंगाल में करीब 13 हजार, मध्य प्रदेश में 11 हजार और कर्नाटक में भी करीब 11 हजार लोगों ने आत्महत्या कीं.
देश के सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश जो देश की जनसंख्या का करीब 16% हैं. वहां 2018 में देशभर में हुए सुसाइड के 3.6 परसेंट सुसाइड हुए हैं. केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली में सबसे ज्यादा आत्महत्या हुई हैं.
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