advertisement
पत्रकार और जेडीयू के सांसद हरिवंश को राज्यसभा का नया उपसभापति चुनने में ओडिशा की बीजेडी का बड़ा हाथ रहा. राज्यसभा में पार्टी के 9 सदस्य हैं जिन्होंने एनडीए उम्मीदवार हरिवंश का समर्थन किया. ऐसे में विपक्ष के उम्मीदवार बी के हरिप्रसाद के 105 वोटों के मुकाबले एनडीए के उम्मीदवार हरिवंश नारायण सिंह को 125 वोट हासिल हुए.
अब ओडिशा कांग्रेस का आरोप है कि सीएम नवीन पटनायक ने अपनी पार्टी के गलत काम का खुलासा करने से सीबीआई को रोकने के लिए हरिवंश का समर्थन किया और ओडिशा की जनता से धोखा किया है. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेडी चीफ नवीन पटनायक एक तरफ तो एनडीए सरकार पर ओडिशा को नजरंदाज करने का आरोप लगा रहे हैं दूसरी तरफ बड़ी चालाकी से नोटबंदी, जीएसटी लागू करने, राष्ट्रपति चुनाव और लोकसभा- विधानसभा चुनाव साथ कराने जैसे ज्यादातर मुद्दों पर बीजेपी का समर्थन कर रहे हैं.
राज्यसभा में कुल सदस्यों की संख्या फिलहाल 244 है. जिसमें से उपसभापति के लिए 232 सदस्यों ने वोट किए. एनडीए के उम्मीदवार हरिवंश को बीजेपी के साथ शिवसेना, बीजेडी, अकाली दल, टीआरएस और एआईडीएमके जैसे दलों का समर्थन मिला. इन दलों की राज्यसभा में ताकत है-
विपक्ष के उम्मीदवार बी के हरिप्रसाद के समर्थन में कांग्रेस समेत टीएमसी, डीएमके, एसपी, बीएसपी, एनसीपी, टीडीपी और वाम दलों जैसी पार्टियों ने वोट दिया. आम आदमी पार्टी वोटिंग से दूर रही.
बता दें कि राज्यसभा उपसभापति संवैधानिक पद है और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 89 में इसका विवरण है. इस अनुच्छेद के मुताबिक, राज्यसभा के सांसद बहुमत से उपसभापति का चुनाव करते हैं. उपराष्ट्रपति की गैरमौजूदगी में उपसभापति सदन की कार्यवाही चलाते हैं. इसके पहले पीजे कुरियन राज्यसभा के उपसभापति थे. कांग्रेस ने उन्हें उपसभापति चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया था.
ये भी पढ़ें: जानिए कौन हैं राज्यसभा के नए उप सभापति हरिवंश ?
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)