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15 जून को लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के जवानों के बीच खूनी झड़प हुई. इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए. अब इस मामले पर भारत के एक और पड़ोसी देश नेपाल की प्रतिक्रिया आई है. नेपाल ने विश्वास जताया है कि भारत और चीन 'शांतिपूर्ण तरीकों' से 'आपसी मतभेद' को सुलझा लेंगे. विवादित नक्शे को पास कराने को लेकर भारत और नेपाल के बीच भी तनाव जारी है.
नेपाल के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, "नेपाल हमेशा क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के समर्थन में रहा है."
18 जून को नेपाल नेशनल असेंबली (उच्च सदन) में नए नक्शे से जुड़ा संविधान संशोधन बिल पास होने के बाद 19 जून को राष्ट्रपति ने भी इस विवादित नक्शे को अपनी मंजूरी दे दी. इससे पहले 13 जून को नेपाल की संसद के निचले सदन ने सर्वसम्मति से बिल को पास किया था. नेपाली कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता पार्टी-नेपाल और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी समेत बड़ी विपक्षी पार्टियों ने सरकार की तरफ से पेश किए गए इस बिल के समर्थन में वोट किया था.
जब निचले सदन में बिल पास हुआ था, तो भारत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि नेपाल के दावे ऐतिहासिक तथ्य या सबूतों के आधार पर नहीं हैं और न ही इसका कोई मतलब है.
12 जून को बिहार के सीतामढ़ी में भारत-नेपाल बॉर्डर के पास नेपाल पुलिस की तरफ से हुई गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. इसके अलावा तीन अन्य लोग घायल हुए थे. नेपाल पुलिस एक भारतीय नागरिक को ले भी गई थी. हालांकि बाद में उसे छोड़ दिया गया.
नेपाल की आर्म्ड पुलिस फोर्स (APF) के एडिशनल इंस्पेक्टर जनरल नारायण बाबू थापा ने कहा था कि घटना उस समय हुई, जब 25-30 भारतीय नेपाल में घुसने की कोशिश कर रहे थे. थापा का आरोप था कि इन लोगों ने नेपाल के सुरक्षा बल पर हमला भी किया.
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