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केरल हाई कोर्ट (Kerala High Court) ने 9 जुलाई को कहा कि अभी के लिए नए आईटी नियम नहीं मानने पर न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (NBA) पर कोई 'बलपूर्वक कार्रवाई' नहीं की जाएगी. NBA ने 8 जुलाई को हाई कोर्ट में नए आईटी नियमों (New IT Rules) के खिलाफ याचिका दाखिल की. इंडिया टीवी और टाइम्स नाउ समेत कई बड़े निजी टेलीविजन न्यूज चैनल NBA का हिस्सा हैं.
NBA की याचिका आईटी नियमों के Part III को चुनौती देती है. ये हिस्सा डिजिटल मीडिया (digital media) के संबंध में कोड ऑफ एथिक्स एंड प्रोसीजर एंड सेफगार्ड्स से संबंधित है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिकक NBA का मानना है कि ये अथॉरिटीज को 'डिजिटल न्यूज मीडिया के कंटेंट को रेगुलेट करने की निरंकुश, स्वच्छंद और अत्यधिक ताकत दे देगा.'
याचिका का कहना है कि आईटी कानून में किसी भी प्रोग्राम के कंटेंट के 'मैनेजमेंट' को लेकर कोई प्रावधान नहीं है और इसलिए नए नियम पैरेंट कानून के ही उल्लंघन में हैं.
CNBC TV 18, NDTV 24x7 और बीबीसी वर्ल्ड जैसे न्यूज ब्रॉडकास्टर भी NBA का हिस्सा हैं.
NBA की याचिका पीटीआई के दिल्ली हाई कोर्ट में नए आईटी नियमों को चुनौती देने के एक दिन बाद आई है. पीटीआई ने भी लगभग इसी आधार पर नियमों को चुनौती दी है.
दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में पीटीआई ने कहा है कि नए नियम सरकार को 'डिजिटल न्यूज पोर्टल्स के कंटेंट पर हुक्म चलाने और मीडिया की आजादी का उल्लंघन करने' की इजाजत देंगे.
देश की 13 बड़ी न्यूज मीडिया कंपनियों का समूह डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन (DNPA) ने भी 23 जून को नए आईटी नियमों की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी थी.
इस समूह का हिस्सा HT डिजिटल स्ट्रीम्स लिमिटेड, NDTV कंवर्जेंस, टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड जैसे संगठन हैं.
क्विंट ने भी 19 मार्च को दिल्ली हाई कोर्ट में नए आईटी नियमों को चुनौती दी थी.
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