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न्यूजक्लिक (NewsClick) के एचआर हेड अमित चक्रवर्ती ने दिल्ली की एक अदालत में आतंकवाद विरोधी कानून UAPA के तहत दर्ज मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति मांगी है, जिसमें आरोप है कि न्यूज वेबसाइट को चीन समर्थक प्रचार प्रसार के लिए धन मिला था.
यह घटनाक्रम नई दिल्ली में पटियाला हाउस कोर्ट द्वारा चक्रवर्ती और न्यूज वेबसाइट के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ मामले की जांच पूरी करने के लिए दिल्ली पुलिस को 60 दिनों की न्यायिक हिरासत बढ़ाने की अनुमति देने के कुछ दिनों बाद आया है.
द हिंदू ने सूत्रों के हवाले से कहा, "चक्रवर्ती ने पिछले सप्ताह विशेष न्यायाधीश हरदीप कौर के समक्ष आवेदन दायर कर मामले में माफी की मांग की और दावा किया कि उनके पास महत्वपूर्ण जानकारी है जिसका वह मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस को खुलासा करना चाहते हैं."
न्यायाधीश ने चक्रवर्ती का बयान दर्ज करने के लिए मामले को मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष भेज दिया है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, एजेंसी उनके बयान को देखने के बाद इस पर फैसला लेगी कि अदालत के समक्ष उनके आवेदन का समर्थन किया जाए या नहीं.
FIR के मुताबिक, न्यूज पोर्टल को बड़ी मात्रा में फंड चीन से "भारत की संप्रभुता को बाधित करने" और देश के खिलाफ असंतोष पैदा करने के लिए आया था.
इसमें यह भी आरोप लगाया गया कि पुरकायस्थ ने 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने के लिए एक समूह - पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म (PADS) के साथ साजिश रची.
पुलिस ने कहा कि एफआईआर में नामित संदिग्धों और डेटा के विश्लेषण में सामने आए संदिग्धों पर 3 अक्टूबर को दिल्ली में 88 और अन्य राज्यों में सात स्थानों पर छापे मारे गए.
न्यूजक्लिक के कार्यालयों और जिन पत्रकारों की जांच की गई उनके आवासों से लगभग 300 इलेक्ट्रॉनिक गैजेट भी जब्त किए गए. छापेमारी के बाद स्पेशल सेल ने नौ महिला पत्रकारों समेत 46 लोगों से पूछताछ की.
जांच न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के बाद शुरू हुई जिसमें कहा गया था कि न्यूज़क्लिक को अमेरिका स्थित करोड़पति नेविल रॉय सिंघम से ₹38 करोड़ मिले थे, जिन पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) की प्रचार शाखा के साथ करीबी संबंध रखने का आरोप था.
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