Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019NewsClick को HC से झटका, प्रबीर पुरकायस्थ की याचिका खारिज, कोर्ट ने क्या कहा?

NewsClick को HC से झटका, प्रबीर पुरकायस्थ की याचिका खारिज, कोर्ट ने क्या कहा?

Newsclick Case Update: जस्टिस तुषार राव गेडेला ने सोमवार, 8 अक्टूबर को ही अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.

क्विंट हिंदी
न्यूज
Published:
<div class="paragraphs"><p>न्यूजक्लिक को HC से झटका, प्रबीर पुरकायस्थ की याचिका खारिज, कोर्ट ने क्या कहा?</p></div>
i

न्यूजक्लिक को HC से झटका, प्रबीर पुरकायस्थ की याचिका खारिज, कोर्ट ने क्या कहा?

(ALTERED BY QUINT HINDI)

advertisement

न्यूजक्लिक (Newsclick) के संस्थापक-संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और HR प्रमुख अमित चक्रवर्ती को UAPA मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगा है. दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार, 12 अक्टूबर को उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसमें कोई योग्यता (मेरिट) नहीं है.

जस्टिस तुषार राव गेडेला ने सोमवार, 8 अक्टूबर को ही अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था, इसके बाद आज उन्होंने अपना फैसला सुनाया, जिसमें न्यूजक्लिक के लिए अच्छी खबर नहीं आई.

कोर्ट ने क्या कहा?

जस्टिस राव ने याचिका को खारिज करते हुए कहा, "वर्तमान याचिका में तथ्यों और भौतिक विवरणों की कमी पर विचार करते हुए, इस कोर्ट की सुविचारित राय है कि याचिकाकर्ता किसी भी राहत का हकदार नहीं है."

कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ स्थिरता, अखंडता, संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले गंभीर अपराध के आरोप लगाए गए हैं. इसके बाद जज ने याचिका खारिज कर दी.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 3 अक्टूबर को पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया था और अगले दिन कोर्ट ने उन्हें सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था. इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने न केवल अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट का रुख किया, बल्कि मामले में FIR को रद्द करने की भी मांग की था.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

न्यूजक्लिक की तरफ से अब तक क्या कहा गया?

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 9 अक्टूबर को उनकी पुलिस रिमांड खत्म होने पर उन्हें 10 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. हाई कोर्ट के सामने पुरकायस्थ के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी थी कि "सभी तथ्य झूठे हैं और एक पैसा भी चीन से नहीं आया है."

कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्हें गिरफ्तारी का कोई आधार नहीं बताया गया है और केवल गिरफ्तारी मेमो ही वो दस्तावेज है जो पेश किया गया है.

सिब्बल ने उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ दावा करते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट द्वारा उनके वकीलों की अनुपस्थिति में रिमांड आदेश पारित किया गया था, जब रिमांड आदेश सुबह 6 बजे पारित किया गया था, तो पुरकायस्थ के वकील को व्हाट्सएप के माध्यम से सुबह 7 बजे जानकारी मिली.

अगस्त में, न्यूयॉर्क टाइम्स की एक जांच में न्यूजक्लिक पर कथित तौर पर चीनी प्रचार को बढ़ावा देने के लिए अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम से जुड़े नेटवर्क से पैसा लेने का आरोप लगाया गया था.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT