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दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक (NewsClick) के खिलाफ FIR में "भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने" के लिए "बड़ी आपराधिक साजिश" का आरोप लगाया है. इसके साथ ही न्यूजक्लिक पर चीनी टेलीकॉम कंपनियों के माध्यम से "अवैध रूप से विदेशी फंडिंग" का भी आरोप लगाया गया है.
द क्विंट द्वारा प्राप्त की गई FIR में दावा किया गया है कि Xiaomi और Vivo जैसी टेलीकॉम कंपनियों ने कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) का उल्लंघन करते हुए शेल कंपनियां स्थापित की हैं.
17 अगस्त को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर से दायर की गई FIR में न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ, एक्टिविस्ट और भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी गौतम नवलखा और अमेरिका के टेक मुगल नेविल रॉय सिंघम को भारत के खिलाफ "झूठा नैरेटिव फैलाने" की कथित साजिश के लिए नामित किया गया है.
यह वही FIR थी जिसके तहत 3 अक्टूबर को न्यूजक्लिक से जुड़े 40 से अधिक पत्रकारों के आवासों पर छापे मारे गए और उसके बाद संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और समाचार पोर्टल के एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को UAPA के तहत गिरफ्तार किया गया था.
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बीच न्यूजक्लिक ने UAPA के तहत उसके खिलाफ दायर मामले को रद्द करने के लिए शुक्रवार, 6 अक्टूबर को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया है. मामले को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.
FIR स्पेशल सेल पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर प्रवीण की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी.
इससे पहले अगस्त 2023 में न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT) में एक रिपोर्ट छापी थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि बिजनेसमैन नेविल रॉय सिंघम ने "चीनी प्रोपेगैंडा को आगे बढ़ाने" के लिए समाचार पोर्टल को फंड मुहैया करवाए थे.
अपनी FIR में स्पेशल सेल ने आरोप लगाया है कि पोर्टल को 2018 से तीन अलग-अलग संस्थाओं से फंड मिल रहा था - दो सिंघम से जुड़ी थीं और तीसरी उनकी पत्नी के NGO से जुड़ी थीं.
पुरकायस्थ, न्यूजक्लिक और सिंघम के खिलाफ अपने दावों को रेखांकित करते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा कि चीनी फंडिंग की एक "बड़ी राशि" का इस्तेमाल "पेड न्यूज" प्रकाशित करने के लिए किया गया था, जिसका उद्देश्य भारत सरकार की नीतियों की आलोचना करना और चीनी नीतियों को बढ़ावा देना था.
पुरकायस्थ, सिंघम, लेखिका-संपादक गीता हरिहरन के साथ FIR में दिल्ली के वकील गौतम भाटिया का भी नाम है.
आरोप लगाया गया है कि गौतम भाटिया, उक्त चीनी टेलीकॉम कंपनियों (Xiaomi, Vivo) से मिलने वाले लाभ के एवज में इन कंपनियों के खिलाफ "कानूनी मामलों को लेकर अभियान चलाने और बढ़-चढ़कर उनका बचाव करने" के लिए भारत में एक लीगल कम्युनिटी नेटवर्क बनाने वाले "प्रमुख व्यक्ति" हैं.
4 अक्टूबर को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किए गए रिमांड अनुरोध में दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसे "गुप्त सूचना" मिली थी कि पुरकायस्थ, सिंघम और शंघाई स्थित कंपनी (स्टारस्ट्रीम) के कर्मचारियों के बीच "मेल का आदान-प्रदान हुआ था, जिसमें कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा नहीं दिखाने की उनकी मंशा उजागर हुई थी."
FIR में आगे दावा किया गया है कि कथित आरोपियों का एक उद्देश्य- "किसान आंदोलन के समर्थन और फंडिंग के जरिए भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने और भारत में आतंरिक कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा करना था."
पुलिस ने यह भी दावा किया कि आरोपियों ने "कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए भारत सरकार के प्रयासों को बदनाम करने के लिए सक्रिय रूप से झूठे नैरेविट फैलाए हैं."
पुलिस के अनुसार, पुरकायस्थ को विदेशों से मिला "अवैध" पैसा, भीमा कोरेगांव के आरोपी गौतम नवलखा, एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़, पत्रकार उर्मिलेश, परंजॉय गुहा ठाकुरता और अभिसार शर्मा के बीच बांटे गए थे.
रिमांड में यह भी उल्लेख किया गया है कि नवलखा 2018 से न्यूजक्लिक के शेयरधारक हैं और 1991 से पुरकायस्थ के साथ जुड़े हुए हैं.
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