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नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़ी ऑफिस और सदस्यों के यहांं बड़ी छापेमारी की है. आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु समेत 11 राज्यों में कई जगहों पर रेड पड़ी है. जानकारी के मुताबिक, PFI से जुड़े 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार भी किया है. वहीं इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने NSA, गृह सचिव, डीजी NIA सहित आला अधिकारियों के साथ बैठक की है.
NIA ने छापेमारी के दौरान 11 राज्यों से PFI के 106 सदस्यों को गिरफ्तार किया है.
आंध्र प्रदेश- 05
असम- 09
दिल्ली- 03
कर्नाटक- 20
केरल- 22
महाराष्ट्र- 20
पुडुचेरी- 03
राजस्थान- 02
तमिलनाडु -10
उत्तर प्रदेश- 08
केरल में बड़े पैमाने पर छापेमारी चल रही है. केरल के मंजेरी में PFI के अध्यक्ष ओएमए सलाम के घर भी छापेमारी हुई है. इस छापेमारी की खबर मिलते ही पीएफआई कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया.
वहीं हैदराबाद में PFI के दफ्तर को सील कर दिया गया है. NIA, ED, पैरामिलिट्री ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर कार्यालय को सील किया है. बिहार के पूर्णिया में भी एजेंसी कार्रवाई कर रही है. इसके साथ ही महाराष्ट्र के भी कई जिलों में रेड पड़ी है. तमिलनाडु सहित कई राज्यों में NIA की छापेमारी के बाद पीएफआई कार्यकर्ता विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.
इससे पहले भी NIA पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है. 18 सितंबर को एनआईए ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 23 जगहों पर रेड मारी थी. ये छापेमारी भी ट्रेनिंग कैंप से जुडे़ मामले में की गई थी.
वहीं NIA ने इस महीने की शुरुआत में भी पीएफआई मामले में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 40 स्थानों पर छापेमारी की और चार लोगों को हिरासत में लिया था.
पटना के फुलवारी शरीफ में कथित टेरर मॉड्यूल केस में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का कनेक्शन की बात सामने आई थी. एनआईए ने इस मामले में पिछले दो महीनों में बिहार के कई जिलों में छापेमारी की है.
इस साल कर्नाटक में हुए हिजाब विवाद से भी PFI का नाम जुड़ चुका है. कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को विवाद के लिए दोषी ठहराते हुए दावा किया था कि यह एक ‘बड़ी साजिश’ का हिस्सा था.
पॉपुलर फ्रट ऑफ इंडिया यानी PFI खुद को एक समाजिक संस्था बताता है. इसकी स्थापना 22 नवंबर 2006 को हुई थी. ये संगठन दक्षिण भारत में तीन मुस्लिम संगठनों- केरल के नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट (NDF), कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी (KFD) और तमिलनाडु के मनिथा नीति पसराई (MNP) के विलय के बाद बना था. ये संगठन शुरुआत में दक्षिण भारत में ही सक्रिय था, लेकिन अब UP-बिहार समेत 20 राज्यों में इसका विस्तार हो चुका है.
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