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निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस के चारों दोषियों को नया डेथ वारंट जारी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को ट्रायल कोर्ट के पास जाने की इजाजत दे दी है. केंद्र अब फांसी की नई तारीख के लिए ट्रायल कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है.
जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने कहा कि दोषियों की सजा पर अमल के लिए निचली अदालत द्वारा नयी तारीख निर्धारित करने में केंद्र और दिल्ली सरकार की लंबित अपील रुकावट नहीं होगी.
केंद्र और दिल्ली सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दोषियों की मौत की सजा पर अमल ‘खुशी’ के लिए नहीं है, वो सिर्फ कानून के आदेश पर अमल कर रहे हैं.
मौत की सजा के अमल में देरी के 'हथकंडों' का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इनमें से तीन दोषी कानून में मौजूद सारे कानूनी विकल्प अपना चुके हैं, जबकि चौथे दोषी पवन ने अभी तक सुप्रीम कोर्ट में न तो क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है और न ही राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर की है.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए चारों दोषियों को नोटिस जारी किया है.
दोषी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के दया याचिका खारिज करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने एक फरवरी को विनय की दया याचिका खारिज कर दी थी.
16 दिसंबर, 2012 की रात को दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा (निर्भया) के साथ गैंगरेप और बर्बरता की गई थी. सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी.
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