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निर्भया के दोषी पवन का नया पैंतरा-‘जेल में पुलिसवालों ने की पिटाई’

दया याचिका खारिज होने के बाद दोषी पवन गुप्ता ने लगाया आरोप

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दया याचिका खारिज होने के बाद दोषी पवन गुप्ता ने लगाया आरोप
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दया याचिका खारिज होने के बाद दोषी पवन गुप्ता ने लगाया आरोप
(फोटो: ट्विटर)

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2012 निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस के दोषी पवन गुप्ता ने दया याचिका खारिज होने के बाद, अब फांसी से बचने के लिए नया पैंतरा अपनाया है. पवन ने दिल्ली के एक कोर्ट में मंडोली जेल के दो पुलिस अफसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. पवन का आरोप है कि पुलिसवालों ने उससे मारपीट की, जिससे उसके सिर में गंभीर चोट आई. कोर्ट ने इस मामले में जेल प्रशासन से जवाब मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी.

निर्भया गैंगरेप-मर्डर केस के चारों दोषियों को 20 मार्च की सुबह 5:30 बजे फांसी दी जाएगी. दोषियों की सभी अपील खत्म होने के बाद दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी किया था.

इन चारों दोषियों की पहली फांसी की तारीख 22 जनवरी तय की गई थी, जिसे दोषियों की याचिका के चलते टाल दिया गया. इसके बाद, कोर्ट फांसी की कई तारीखें जारी कर चुका है, लेकिन दोषियों की क्यूरेटिव और मर्सी पिटीशन के कारण इसे कई बार टाला गया.

पहले भी अपनाए पैंतरे

चारों दोषियों ने मौत की सजा से बचने के लिए जिस तरह के पैंतरे इस्तेमाल किए हैं.

1. दिल्ली का प्रदूषण और दूषित पानी

पिछले साल दिसंबर में निर्भया केस के दोषियों में से एक अक्षय कुमार सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में फांसी की सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की थी. याचिका में अक्षय ने दलील दी, कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है. दिल्ली गैस चेंबर में तब्दील हो चुकी है. साथ ही यहां का पानी भी जहरीला हो चुका है. ऐसे में जब खराब हवा और पानी के चलते उम्र पहले से ही कम होती जा रही है, तो फिर फांसी की सजा की जरूरत क्यों है?

2. अपराध के वक्त नाबालिग

पिछले महीने मामले में दोषी पवन कुमार गुप्ता की स्पेशल लीव पेटिशन (SLP) सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी. पवन ने इस याचिका में दावा किया था कि अपराध के वक्त वह नाबालिग था. इससे पहले पवन ने दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी लगाई गई थी, जिसमें कहा गया था कि वो घटना के वक्त नाबालिग था. इसी के आधार पर उसने कोर्ट से राहत देने की मांग की थी. लेकिन हाई कोर्ट से अर्जी खारिज कर दी थी, जिसके बाद हाई कोर्ट के फैसले को पवन की ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

3. ऐन मौके पर वकील को हटाया

इसी महीने 13 फरवरी को अदालत ने 17 फरवरी तक के लिए इस मामले में सुनवाई टाल दी थी, जिसकी वजह थी निर्भया के चार दोषियों में से एक पवन गुप्‍ता के लिए नए वकील की नियुक्ति. पवन गुप्‍ता ने अदालत को बताया था कि उसने अपने वकील को हटा दिया है और इसलिए उसे थोड़ा वक्‍त चाहिए, ताकि अदालत में उसका पक्ष सही तरीके से रखा जा सके. उसने अदालत से यह भी कहा था कि उसे उसकी पसंद का वकील चुनने की आजादी मिलनी चाहिए. इसके बाद अदालत ने जेल प्रशासन से उसे वकील मुहैया कराने को कहा था. इसकी बाद कोर्ट ने रवि काजी को उसका नया वकील नियुक्‍त किया और मामले की सुनवाई 17 फरवरी तक के लिए स्‍थगित कर दी.

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Published: 11 Mar 2020,05:19 PM IST

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