Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Nithari Kand: आरोपी बरी, पीड़ित परिवार बोला- 'भगवान देगा सबूत, मोदी-योगी दिलाएं फांसी'

Nithari Kand: आरोपी बरी, पीड़ित परिवार बोला- 'भगवान देगा सबूत, मोदी-योगी दिलाएं फांसी'

Nithari Case: 'एक बार हमें एक संस्था ने चुपचाप पैसे लेने की बात भी कही लेकिन हमने कहा कि ये पैसा मीडिया के सामने देना होगा': पीड़ित

प्रतीक वाघमारे
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>Nithari Kand</p></div>
i

Nithari Kand

(फोटो- Altered By Quint Hindi)

advertisement

"ये तो कानून ने बहुत गलत किया है कि उसको बरी कर दिया, उसे तो तुरंत गोली मार देनी चाहिए."

ये शब्द सुनिता राठी के हैं जिनकी बेटी निठारी कांड (Nithari Kand) की शिकार बनी थी. सुनिता उसी D5 कोठी के सामने अब तक प्रेस का काम करती आ रही हैं जिस कोठी में जघन्य अपराध होते थे.

2006 में नोएडा के निठारी गांव में बच्चे और कुछ बड़े लापता होने लगे, फिर लापता बच्चों के शव नाली से बरामद हुए. इस जघन्य अपराध का आरोप निठारी के D5 कोठी में रहने वाले बिजनसमैन मोनिंदर पंढेर और उसके साथ रहने वाले नौकर सुरिंदर कोली पर लगा. सीबीआई ने जांच कर आरोप लगाया कि दोनों बच्चों का रेप कर उनकी हत्या कर देते थे फिर कोली उन्हें टुकड़ों में काट कर नाली में बहा देता था.

सीबीआई कोर्ट ने दोनों को फांसी की सजा भी सुनाई लेकिन 16 अक्टूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों को बरी कर दिया और फांसी की सजा रद्द हो गई. अदालत ने कहा मामले में साक्ष्य और गवाहों की कमी है.

खंडहर पड़ा मुख्य आरोपी मोनिंदर पंढेर की कोठी जो अब झाड़ियों से ढक चुकी है.

(फोटो- प्रतीक वाघमारे)

17 साल पहले मेरी बेटी लापता हुई थी. वो कपड़े सिलवाने के काम से कोठी के बगल में ही गई थी. जब वो नहीं लौटी तो हमने उनसे पूछा कि बेटी कहां है तो उन्होंने जवाब दिया कि सिलाई का काम अभी नहीं करवाना था इसलिए तुम्हारी बेटी को वापस भेज दिया, लेकिन उसके बाद बेटी दिखी ही नहीं.
सुनिता
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

"बेटी लापता हुई लेकिन पुलिस ने नहीं लिखी FIR"

क्विंट हिंदी से बातचीत में सुनिता ने बताया, "एक लड़की पहले से ही लापता थी. उसके पिता नंदलाल के साथ हम थाने में रिपोर्ट लिखाने गए लेकिन पुलिस ने एफआईआर नहीं लिखी. पुलिस ने कहा कि तुम भी ढूंढो, हम भी ढूंढेंगे."

सुनिता ने आरोप लगाते हुए कहा, "पुलिस आरोपी मोनिंदर से मिली हुई थी, पुलिस के बाद हमारे यहां से कुछ लोग कोठी में घुसे थे और उन्होंने देखा बहुत सारे बच्चों के कपड़े और शव के टुकड़े सब अंदर थे, ये सभी कोर्ट में जमा है और जज कहते हैं कि सबूत नहीं है?"

"हम आज तक इसी (D5) कोठी के सामने काम कर रहे हैं और यही सोचते रहते हैं कि इसको आज फांसी मिलेगी, कल मिलेगी और अब ये फैसला आया है. मोनिंदर गुर्दा और किडनी बेचने का काम करता है, इसीलिए उसने बच्चों की हत्या की है."
सुनिता के पति झब्बूलाल

पीड़ित मां सुनिता और उनके पति झब्बूलाल अपनी कपड़े प्रेस करने की दुकान पर  

(फोटो- प्रतीक वाघमारे)

सुनिता ने भी कहा कि, "हमने कई बार देखा है कि मोनिंदर के घर डॉक्टरों और नर्स का आना जाना रहा है, वह गुर्दा और किडनी बेचने का काम करता था इसलिए बच्चों को मारता था. अब तो भगवान ही सबूत देगा."

सुनिता ने ये भी दावा किया कि मोनिंदर ने थाने में हमसे माफी मांगी थी और कहा था कि तुम्हारी लड़की को गलती से मार दिया. एक बार हमें एक संस्था ने चुपचाप पैसे लेने की बात भी कही लेकिन हमने कहा कि ये पैसा मीडिया के सामने देना होगा.

झब्बूलाल ने भी कहा, "पहले एक बार धमकी आई थी और बोला था कि एक करोड़ ले लो और मामले को खत्म करो."

प्रशासन जिम्मेदार, योगी-मोदी सरकार से अपील 

एक अन्य पीड़ित पिता रामकिशन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद गुस्से में आकर मोनिंदर की कोठी पर पत्थर फेंका. रामकिशन ने क्विंट हिंदी को इस बात की पुष्टी की और कहा, "इस मामले के बाद से मेरी पत्नी बीमार रहने लगी है और हम इस मामले में ज्यादा बात नहीं करना चाहते."

वहीं सुनिता ने मांग की कि "मोनिंदर और कोली दोनों को फांसी हो. इस मामले के प्रशासन जिम्मेदार है." उन्होंने न्याय व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि, "योगी सरकार और मोदी सरकार से अपील है कि वे इसे दोबारा फांसी की सजा दिलवाएं"

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT