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बिहार विधानसभा का मानसून सत्र 10 जुलाई से शुरू हो गया. बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने विपक्षी एकजुटता दिखाने की कोशिश की. इसी क्रम में नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और उनके बड़े भाई बिहार सरकार में मंत्री तेज प्रताप यादव को अपनी गाड़ी से लेकर बिहार विधानसभा के मानसून सत्र में भाग लेने पहुंचे. यह दिखाने की कोशिश की गई कि महागठबंधन के अंदर ना कोई 'तकरार' है और ना ही कोई 'दरार' है, यानी सब कुछ 'ऑल इज वेल' है.
दरअसल, पिछले दिनों जिस तरह से RJD और जनता दल यूनाइटेड के नेताओं के बीच बयानों का दौर जारी था, उससे यह कयास लगाए जा रहे थे कि महागठबंधन में कुछ भी ठीक नहीं है और जल्द ही यह टूटने वाला है. इसको लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार (10 जुलाई) को बिहार विधानसभा के मानसून सत्र की कार्यवाही खत्म होने के बाद महागठबंधन की बैठक बुलाई थी.
बैठक के बाद सुनील सिंह ने अपने ऊपर लगे आरोपों से किनारा करते हुए कहा कि
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री महागठबंधन के नेता हैं, हम लोगों के अभिभावक रहे हैं. मुख्यमंत्री के बातों का कैसे प्रतिकार कर सकते हैं, जो बोले हैं वह समझ से हमारे लिए आशीर्वाद है. हमको अपने पार्टी से मतलब है, हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने हमें किसी तरह का बयान देने के लिए मना किया है.
वहीं, दूसरी तरफ जेडीयू नेता और बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने महागठबंधन की बैठक खत्म होने के बाद मीडिया से कहा
आरजेडी और जेडीयू के विलय के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस तरह का अफवाह बीजेपी के द्वारा उड़ाया जाता है.
उन्होंने आगे कहा कि इस सवाल का जवाब हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष देंगे. वहीं सुनील सिंह और उनसे हुए विवाद को लेकर कहा कि हम दोनों अच्छे मित्र हैं. कभी कभी आवेश में कोई कुछ बोल जाता है तो विवाद हो जाता है.
अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या इस बैठक के बाद सब कुछ सच में 'ऑल इज वेल' है या फिर यह सिर्फ दिखाने की कोशिश है.
(इनपुट- महीप राज)
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