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झारखंड के तबरेज हत्याकांड में नया मोड़ आ गया है. एक रिपोर्ट के मुताबिक तबरेज ने अपनी मौत से पहले दिए बयान में हमले का कोई जिक्र नहीं किया था. तबरेज ने पुलिस को सिर्फ यह बताया था कि कैसे उसने दो और लोगों के साथ मिल कर मोटरसाइकिल चुराई थी और कुछ घरों से हल्ला होने पर लोगों ने उन्हें पकड़ लिया था.
24 साल के तबरेज अंसारी की हत्या के सिलसिले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. दो पुलिसवाले सस्पेंड हुए हैं. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि तबरेज ने पुलिस को बताया कि कैसे एक मोटरसाइकिल चुराने के आरोप में लोगों ने उसे पकड़ा था. कथित मोटरसाइकिल चोरी के मामले में तबरेज के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर में भी हमले का कोई जिक्र नहीं है.
इस बीच, सरायकेला-खरसावां के एसपी कार्तिक एस ने बताया कि इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में दो पुलिस वालों को सस्पेंड कर दिया गया है. डीएसपी रैंक के एक पुलिस अफसर एसआईटी जांच का नेतृत्व कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह पूरे मामले की पड़ताल करवाएंगे. हो सकता है कि मौत से पहले तबरेज ने अपने बयान में पिटाई के बारे में पुलिस से कुछ न कहा हो.
इधर, तबरेज के चाचा मकसूद आलम ने कहा है कि पुलिस ने जानबूझ कर इस तथ्य को नजरअंदाज किया है कि उसे पीटा गया. पिटाई के बाद तबरेज को झारखंड पुलिस को सौंप दिया गया, जहां से उसे सरायकेला जेल भेज दिया गया. एक दिन बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती किया गया. लेकिन हालत बिगड़ने पर 22 जून को उसे जमशेदपुर के टाटा हॉस्पिटल ले जाया गया. लेकिन अस्पताल ने तबरेज को मृत घोषित कर दिया. आरोप है कि तबरेज को पिटाई के जय श्रीराम बोलने के लिए मजबूर किया गया
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