भीड़- जय श्री राम बोल
पोल से बंधा शख्स - जय श्री राम
भीड़- एक बार फिर जय श्री राम बोल
पोल से बंधा शख्स - जय श्री राम
भीड़ - जय हनुमान बोल
पोल से बंधा शख्स - जय हनुमान
एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें ये सब सुनाई पड़ रहा है. वीडियो में ये भी दिख रहा है कि पोल से बंधा शख्स बुरी तरह जख्मी है. वो मिमियाते हुए भीड़ के हर हुक्म की तामील कर रहा है. इसी शख्स का एक दूसरा वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें उसकी बेइंतेहा पिटाई की जा रही है.
इस शख्स का नाम है तबरेज अंसारी. जगह है झारखंड का सरायकेला-खरसांवा जिला. वीडियो को पिछले हफ्ते का बताया जा रहा है. ताजा खबर ये है कि इस पिटाई से तबरेज की अब मौत हो चुकी है.
चोर से क्यों बुलवाना जय श्री राम?
पुलिस का कहना है कि तबरेज के खिलाफ चोरी का केस दर्ज कराया गया था. तो क्या खबर ये है कि - बाइक चोरी के आरोप में भीड़ ने एक शख्स को पकड़ा और पीटा? अगर ये खबर ये है तो कई सवाल उठते हैं. चोर से भीड़ जय श्री राम और जय हनुमान के नारे क्यों लगवाना चाह रही थी?
‘मुस्लिम था इसलिए पीटकर मार डाला’’
तबरेज के घरवालों का कहना है कि उसे सिर्फ इस मारा गया क्योंकि वो मुस्लिम था. तबरेज की पत्नी शाइस्ता परवीन का आरोप है -''भीड़ ने तबरेज को जय श्री राम और जय हनुमान बोलने के लिए कहा. तबरेज ने ऐसा नहीं किया तो भीड़ ने रात भर पीटा और सुबह होने पर सरायकेला थाने की पुलिस को सौंप दिया. पुलिस ने मारपीट करने वालों पर कार्रवाई की जगह उन्हें ही चोरी के आरोप में जेल भेज दिया.''
तबरेज पुणे में वेल्डिंग का काम करता था. रमजान के महीने में वो अपने गांव आया था. डेढ़ महीने पहले ही उसकी शाइस्ता से शादी हुई. 24 जून को उसने पुणे वापस जाने का टिकट बुक किया हुआ था.
जिस तबरेज को भीड़ ने इतना पीटा था उसे पुलिस ने इलाज कराने के बजाय जेल कैसे भेज दिया?
पुलिस का दावा है कि मेडिकल जांच के बाद ही उसे जेल भेजा गया था लेकिन तबरेज के घरवालों का आरोप है कि 17 जून को मॉब लिन्चिंग की सूचना मिलने के बाद भी पुलिस एक दिन बाद मौके पर पहुंची, तबतक भीड़ उसे पीटती रही. तबरेज के घरवालों का ये भी आरोप है कि पुलिस ने डॉक्टरों पर दबाव डालकर उसे फिट घोषित कराया और जेल भेजा.
तबरेज की हत्या की जांच के लिए SIT को लगाया गया है. दारोगा को सस्पेंड किया गया है. पांच आरोपी भी पकड़े गए हैं. लोकल पत्रकार बताते हैं पूरा गांव खाली है. आरोपी भाग गए हैं. उस डॉक्टर से भी पूछताछ की जा रही है, जिसने तबरेज को फिट बतााय था.
इस सबका मतलब क्या है?
अगर तबरेज पर चोरी का शक भी था तो भीड़ ने उसे क्यों सजा दी? क्या झारखंड में लोकतंत्र पर भीड़तंत्र का कब्जा हो चुका है? मुस्लिम और कथित चोर से जय श्री राम बुलवाना क्या बताता है? क्या यही कि ये एक सजा है, जो एक मुस्लिम को दी जा रही थी? इतनी मार पड़ने के बाद पुलिस ने तबरेज को जेल भेज दिया. क्या ये कस्टोडियल डेथ की कैटेगरी में नहीं आनी चाहिए?
ये मामला इस बात को साबित करता है कि राज्य में पोलराइजेशन की कोशिश हो रही है. पहले रांची में बिरसा मुंडा की मूर्ति तोड़ी गई. अब एक मुस्लिम युवक की पिटाई से मौत. ये सब इसलिए किया जा रहा है क्योंकि इस साल राज्य में चुनाव हैं.प्रबल महतो, फिल्म मेकर
प्रबल के मुताबिक रणनीति ये है कि बिरसा मुंडा की मूर्ति तोड़ो, आदिवासी एकतरफ हो जाएंगे, जवाब में गैर आदिवासी एकजुट हो जाएंगे मुस्लिम युवक को मारो, मुस्लिम एकजुट हो जाएंगे तो जवाब में हिंदू एक तरफ हो जाएंगे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तबरेज जब 3 साल का था तो उसकी मां की मौत हुई थी. उसके पिता मकसूर आलम ने दूसरी शादी की थी. तबरेज की नई मां हिंदू थी और उसने धर्म परिवर्तन किया था. 2005 में एक दिन तबरेज के पिता अपने हिंदू दोस्तों के साथ गायब हो गए. दो दिन बाद जंगल में उनकी लाश मिली. परिवार के मुताबिक पुलिस ने मकसूर के चार दोस्तों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. मकसूर के गायब होने के छह महीने के अंदर इन सबकी लाश भी उसी जंगल से मिली.
2016-19 के बीच 14 वारदात
झारखंड जनाधिकार मोर्चा के मुताबिक पिछले कुछ सालों में झारखंड में 12 लोगों की हत्या मॉब लिंचिंग में की गई है. हेट क्राइम वाच के मुताबिक 2016 से 2019 के बीच झारखंड में हेट क्राइम की 14 घटनाएं हुई हैं. लोकसभा चुनाव के समय झारखंड के हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा का एक बयान भी चर्चा में आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने रामगढ़ में मॉब लिंचिंग के आरोपियों की वित्तीय मदद की थी.
हर एक दो महीने में मुसलमान को लिंच किया जाएगा तो आप हिंदुस्तान की इकनॉमी का क्या करेंगे: ओवैसी
इसी घटना के बीच एक खबर तेलंगाना से आई. वहां बीजेपी के एमपी सोयम बापूराव ने कहा कि अगर मुस्लिम युवक आदिवासी लड़कियों को परेशान करते हैं तो वो उनका सिर काट देंगे. सवाल है कि इन सबके बीच कैसे सबका साथ-सबका विकास होगा...और कैसे विकास के इस मॉडल पर सबका विश्वास होगा?
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