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हिजाब विवाद: 'प्रदर्शन में भाग लेने वाले छात्र नहीं दे सकेंगे दोबारा परीक्षा'

शिक्षा मंत्री ने कहा कि विरोध-प्रदर्शन के दौरान जिन छात्रों की परीक्षा छूट गई है उन्हें दोबारा मौका नहीं दिया जाएगा.

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<div class="paragraphs"><p>हिजाब पहनें मुस्लिम छात्राएं</p></div>
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हिजाब पहनें मुस्लिम छात्राएं

(फोटो: क्विंट)

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कर्नाटक सरकार (Karnataka Government) ने रविवार, 20 मार्च को संकेत दिए हैं कि हिजाब विवाद पर विरोध-प्रदर्शन में भाग लेने की वजह से प्री यूनिवर्सिटी कॉलेज (PUC) के सैकड़ों छात्रों की परीक्षा छूट गई थी उन्हें बोर्ड एग्जाम्स के प्रैक्टिकल में दोबारा भाग लेने नहीं दिया जाएगा.

कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश (BC Nagesh) ने Times of India को दिए इंटरव्यू में कहा कि विरोध-प्रदर्शन में भाग लेने वाले छात्रों को प्रैक्टिकल एग्जाम में दूसरा मौका देना 'असंभव' है.

उन्होंने आगे कहा कि, "हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के बावजूद जिन छात्रों ने हिजाब पहनने की अनुमति नहीं मिलने पर प्रैक्टिकल का बहिष्कार किया था, अगर हम उन्हें परीक्षा की अनुमति देते हैं तो फिर कई दूसरे छात्र भी अन्य कारणों का हवाला देकर दोबारा परीक्षा में भाग लने की मांग करेंगे."

बोर्ड परीक्षा में अलग-अलग विषयों के प्रैक्टिकल के 30 अंक होते हैं जबकि थ्योरी के 70 अंक होते हैं.

शिक्षा मंत्री नागेश का ये बयान कर्नाटक के कानून मंत्री जेसी मधुस्वामी (JC Madhuswamy) के उस बयान के दो दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि जिन बच्चों की गलती से परीक्षा छूट गई है उन्हें दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा.

इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद भी अगर छात्रों ने विरोध के रूप में परीक्षा का बहिष्कार किया, तो सरकार उन्हें परीक्षा नहीं देने देगी.

मंत्री नागेश ने कहा कि क्लास 9वीं और 11वीं के छात्र जो स्कूल की परीक्षा में बैठते हैं वो दोबारा परीक्षा दे सकते हैं.

हिजाब पर विवाद और फैसला

कर्नाटक में जनवरी-फरवरी में कई शैक्षणिक संस्थानों ने हिजाब पहनकर आनेवाली छात्राओं के प्रवेश पर रोक लगा दी थी. जिसके बाद पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे.

15 मार्च को हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला आया था. कर्नाटक हाईकोर्ट ने साफ किया कि छात्र स्कूल में यूनिफॉर्म पहनने से इनकार नहीं कर सकते और हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है.

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