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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कश्मीर मुद्दे को एक बार फिर से उठाने पर विदेश मंत्रालय ने दो टूक जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय ने अब कहा है कि कश्मीर मुद्दे पर किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, "कश्मीर मुद्दे पर किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता पर हमारी स्थिति बहुत साफ रही है. मैं दोहराता हूं कि इस मामले में किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है."
विदेश मंत्रालय ने कहा, "अगर वास्तव में पाकिस्तान भारत के साथ एक शांतिपूर्ण माहौल चाहता है तो यह पाकिस्तान पर निर्भर करता है. उन्हें आतंकवादी ग्रुप, ऑर्गनाइजेशन और इंडिविजुअल आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए."
इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर पर 'मदद' की बात दोहराई थी. मंगलवार को स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम से इतर इमरान खान और ट्रंप की मुलाकात हुई थी. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच कश्मीर पर भी चर्चा हुई.
इमरान खान से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, “हम और ज्यादा कारोबार कर रहे हैं और कुछ अन्य मसलों पर भी साथ मिलकर काम कर रहे हैं. हम कश्मीर पर भी बात कर रहे हैं कि वहां भारत और पाकिस्तान के बीच क्या हो रहा है. अगर हम इस पर कोई मदद कर सकते हैं तो जरूर करेंगे. हम इस पर बेहद करीब से नजर बनाए हुए हैं.”
दावोस में यह पहला मौका नहीं है जब डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे का जिक्र किया है. पिछले साल अगस्त में ट्रंप ने कहा था कि भारत अगर चाहेगा तो वे कश्मीर मामले में मध्यस्थता करने के लिए तैयार हैं. लेकिन बाद में उन्होंने कहा था कि इस मामले को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय स्तर पर सुलझाना चाहिए. हालांकि भारत साफ कर चुका है कि कश्मीर भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें किसी तीसरे देश की मध्यस्थता मंजूर नहीं है.
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