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ओडिशा के बालासोर (Odisha Train Accident) में हुए दुखद तिहरे ट्रेन हादसे के तीन दिन बाद पता चला कि 2 जून, 2023 को हुए भीषण हादसे का शिकार हुए कोरोमंडल एक्सप्रेस (Coromandel Express Accident) के लोको पायलट और सहायक लोको पायलट जीवित हैं और उनका इलाज चल रहा है. कोरोमंडल एक्सप्रेस के लोको पायलट गुणांधी मोहंती और सहायक लोको पायलट हजारी बेहरा को चोटें आई हैं और उनका भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है.
दक्षिण पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) आदित्य कुमार चौधरी ने कहा कि उनकी स्वास्थ्य स्थिति स्थिर और खतरे से बाहर है. उन्होंने यह भी बताया कि मालगाड़ी के गार्ड की हालत भी स्थिर है.
रेलवे बोर्ड की सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने पहले ही कहा था कि हरी झंडी मिलने के बाद पायलट लूप लाइन की ओर आगे बढ़ा.
जया वर्मा के मुताबिक, डेटा रिकॉर्ड (सीलबंद रिकॉर्ड जो जांच का हिस्सा है) भी बताता है कि सिग्नल हरा था.
जया वर्मा ने कहा दूसरा, हर लोको में एक स्पीडोमीटर और चार्ट होता है जो गति को रिकॉर्ड करता है. स्पीडोमीटर ग्राफ को हटा दिया गया है और वह (ड्राइवर) अपनी अनुमेय गति सीमा में था. वर्मा ने आगे कहा कि यह एक हाई-स्पीड सेक्शन (130 किमी प्रति घंटे की अनुमति) है और ट्रेन चालक 128 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चला रहा था.
वहीं रेलवे सुरक्षा के मुख्य आयुक्त शैलेश कुमार पाठक ने सोमवार, 5 जून को दुर्घटनास्थल का दौरा किया और कहा कि भारतीय रेलवे सुरक्षा के दक्षिण-पूर्वी सर्कल ने ट्रेन दुर्घटना की स्वतंत्र जांच शुरू कर दी है.
जीआरपी के पप्पू कुमार नाइक ने अपनी प्राथमिकी में रेलवे की ओर से लापरवाही का जिक्र किया है.
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