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जम्मू-कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के खिलाफ पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत मामले दर्ज किए जाने की वजह अब सामने आई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक डोजियर में पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत हिरासत में लिए जाने की वजह बताई है.
पुलिस ने डॉजियर में लिखा कि उमर अब्दुल्ला का कश्मीर के लोगों पर खासा असर है, वो अपनी कट्टर विचारधारा को छिपाने के लिए राजनीति का इस्तेमाल कर रहे थे, और केंद्र सरकार के खिलाफ गतिविधियों की योजना बना रहे थे. साथ ही महबूबा मुफ्ती पर राष्ट्र विरोधी बयान देने का आरोप है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने जो डोजियर तैयार किया है उसमें ये बातें लिखी हैं कि उमर अबदुल्ला से लोग इतने प्रभावित हैं कि आतंकवादियों की धमकी के बावजूद उमर के कहने पर बड़ी संख्या में लोग पोलिंग बूथ तक पहुंचे थे.
साथ ही पीएसए डोजियर में ये भी लिखा है,
माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर बड़ी संख्या में लोग उमर अब्दुल्ला को फॉलो करते हैं, इसी का जिक्र करते हुए डॉजियर में उनपर आरोप लगा है कि आर्टिकल 370 को निरस्त करने के फैसले का विरोध करते हुए ट्विटर पर लोगों को राष्ट्र की एकता और अखंडता के खिलाफ भड़काने की उन्होंने कोशिश की. हालांकि, डॉजियर में पुलिस ने उमर की किसी भी सोशल मीडिया पोस्ट का जिक्र नहीं किया.
पुलिस ने कहा कि महबूबा मुफ्ती ने देश विरोधी बयान दिए. उन्होंने जमात-ए-इस्लामिया जैसे संगठनों को समर्थन दिया, जिन पर यूएपीए एक्ट के तहत बैन लगाया गया है. उन्होंने अपने बयान में कहा कि सुरक्षा बल आतंकियों की हत्या कर रहे हैं.
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