advertisement
पूरा देश लगातार प्याज के आंसू ‘रो’ रहा है. प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं और इसकी जमाखोरी की भी शिकायतें रही हैं. हाल ही में केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने थोक विक्रेताओं के लिए प्याज की स्टॉक सीमा को आधा कर दिया था. अब पासवान ने सभी राज्यों को बाजारों में प्याज की आपूर्ति करने के लिए एंटी होल्डिंग अभियान चलाने को कहा है. पासवान ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर प्याज की जमाखोरी रोकने की अपील की है. जिसमें उन्होंने कहा, तत्काल प्रभाव से स्टॉक होल्डिंग सीमा को सख्ती से लागू किया जाए.
प्याज की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने स्टॉक सीमा को आधा कर दिया है. प्याज के थोक व्यापारी अब 25 टन से अधिक और खुदरा व्यापारी 5 टन से अधिक प्याज का स्टॉक नहीं रख सकते हैं. पहले थोक व्यापारी 50 टन और खुदरा व्यापारी 10 टन प्याज स्टॉक कर सकते थे. यह अगले आदेश तक के लिए लागू किया गया है.
देश के करीब सभी शहरों में प्याज का दाम औसतन 100 रुपये किलो है. सरकार कीमतों पर काबू पाने की बात लगातार कर रही है, लेकिन प्याज के दामों में कमी नहीं आ रही है. प्याज का दाम सबसे अधिक पणजी में 165 रुपये किलो है. पिछले हफ्ते तो महाराष्ट्र के सोलापुर में प्याज की कीमत 200 रुपये के पार हो गई थी. राजधानी दिल्ली में 90-100 रुपये कीमत बनी हुई है. महाराष्ट्र में औसतन 102 रुपये, चेन्नई में 100 रुपये और कोलकाता में 140 रुपये किलो प्याज की बिक्री हो रही है.
AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने संसद परिसर में प्याज की कीमतों को लेकर प्रदर्शन किया था. उन्होंने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और केंद्र सरकार पर प्याज घोटाले का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, रामविलास पासवान कह रहे हैं कि 32000 टन प्याज सड़ गए. अगर इतना प्याज सड़ गया तो जनता को क्यों नहीं दिया गया? संजय सिंह ने पूरे मामले की जांच की मांग की.
प्याज की कीमतों को लेकर राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने भी अपने एक पत्र में कहा, यह पूरे देश में चिंता का विषय है कि प्याज जैसी जरूरी खाद्य वस्तुओं की कीमत तेजी से बढ़ रही है. इससे लोगों को परेशानी हो रही है और प्याज खरीदने में भी असमर्थ हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)