advertisement
मुंबई (Mumbai) में एक 16 साल के लड़के ने गुरुवार, 9 जून को आत्महत्या कर ली, जब उसकी मां ने उसे मोबाइल पर ऑनलाइन गेम (Online Game) नहीं खेलने दिया. पुलिस के मुताबिक लड़के ने अपनी मां के लिए एक सुसाइड नोट छोड़कर ट्रेन के आगे कूद गया. डिंडोशी पुलिस के मुताबिक लड़के की मां ने बुधवार शाम को उसका फोन ले लिया, जब वह अपने मोबाइल फोन पर गेम खेल रहा था और उसे पढ़ने के लिए कहा. इसके बाद उसने सुसाइड नोट लिखा और घर से निकल गया.
इसके बाद परिजनों ने डिंडोशी थाने को सूचना दी और पुलिस ने लड़के की तलाश शुरू कर दी. पुलिस को सूचना मिली कि मलाड और कांदिवली स्टेशनों के बीच किसी लड़के ने ट्रेन के आगे छलांग लगा दी है. जांच में पता चला कि यह वही लड़का था जिसने सुसाइड नोट छोड़ा था.
बोरीवली राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) ने केस दर्ज कर मामले में आगे की जांच शुरू कर दी है.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में PUBG ऑनलाइन गेम नहीं खेलने देने पर एक लड़के ने मां की हत्या कर दी और दो दिन तक शव को छिपाकर रखा. 16 साल के लड़के ने कथित तौर पर अपने पिता की लाइसेंसी पिस्तौल से अपनी मां को गोली मार दी. उसके पिता सेना में हैं, जिनकी पिस्तौल घर में थी.
पुलिस ने कहा कि लड़के ने रविवार तड़के करीब तीन बजे कथित तौर पर अपनी मां की नींद में ही हत्या कर दी. उसने कथित तौर पर अपनी 10 साल बहन को धमकी दी थी कि अगर उसने हत्या के बारे में किसी को बताया तो वह उसे भी मार डालेगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक लड़के को बाल सुधार गृह भेज दिया गया है.
लखनऊ एडीसीपी (पूर्वी क्षेत्र) कासिम आब्दी ने कहा कि
उन्होंने कहा कि हमें गुमराह करने के लिए लड़के ने कहा कि उनके घर पर एक इलेक्ट्रीशियन आया था और उसी ने इस घटना को अंजाम दिया. लेकिन जब हमने उनसे इलेक्ट्रीशियन की डीटेल मांगी तो हमने पाया कि यह एक नकली कहानी थी. हमने लड़के को हिरासत में ले लिया है और आगे की कार्रवाई जारी है.
पुलिस के मुताबिक लड़के के पिता मौजूदा वक्त में राज्य से बाहर तैनात हैं. एक अधिकारी ने कहा कि पिता का भाई लड़के की दादी के पास ही रहता है, लेकिन उन्हें घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.
एडीसीपी आब्दी के मुताबिक मंगलवार की शाम जब पिता ने मां का नंबर डायल किया तो बेटे ने वही इलेक्ट्रीशियन की कहानी सुनाई. पिता ने अपने रिश्तेदारों को बुलाया और उन्होंने पुलिस को बुलाया.
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि लड़के ने अपने पिता को अपनी मां के फोन से मैसेज किया और कहा कि सब कुछ ठीक है. अपनी मां को मारने के बाद, उसने सोमवार को रात बिताने के लिए एक दोस्त को फोन किया और कहा कि उसे डर लग रहा है. मां के शव को अलग कमरे में रखा गया था, जबकि दोस्त, आरोपी और बहन दूसरे कमरे में सोए थे.
पुलिस के मुताबिक एक पड़ोसी ने कहा कि
ग्रेटर कश्मीर की रिपोर्ट के मुताबिक किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के साइकेट्री डिपार्टमेंट में ऑनलाइन एडिक्शन क्लीनिक के एक्सपर्ट के मुताबिक हर महीने ऐसे कई मामले सामने आते हैं, जिनमें बच्चों को इस तरह के गेमिंग एडिक्शन के कारण हिंसक होते पाया जाता है.
केजीएमयू के साइकेट्री डिपार्टमेंट में सहायक प्रोफेसर आदर्श त्रिपाठी ने कहा कि
उन्होंने कहा आगे कहा कि खेल के एडिक्ट हो चुके बच्चों की संख्या और भी बढ़ सकती है क्योंकि माता-पिता तब ध्यान देते हैं ये बच्चे बहुत हिंसक हो जाते हैं. अगर ऐसे बच्चों को समय पर सलाह दी जाए तो इस तरह की समस्याओं को आसानी से हल किया जा सकता है. इन खेलों में सबसे चिंताजनक बात यह है कि इसका कोई अंत नहीं होता है.
केजीएमयू के डॉ पवन कुमार गुप्ता ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान मोबाइल की लत असामान्य स्तर तक बढ़ गई थी और माता-पिता ऑनलाइन पढ़ाई और ऑनलाइन गेमिंग के बीच अंतर नहीं करते थे. अत्यधिक गेमिंग, विशेष रूप से युद्ध गेमिंग, बच्चों को अपराधियों में बदल रहा है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)