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दिल्ली के मुखर्जी नगर में एक सिख ड्राइवर और उसके बेटे के साथ पुलिस की पिटाई के मामले पर हाईकोर्ट ने पुलिस और गृह मंत्रालय से एक हफ्ते के अंदर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. हाईकोर्ट ने मीडिया को ड्राइवर के बेटे की पहचान न बताने के निर्देश दिए हैं.
हाई कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 2 जुलाई तय की है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "नागरिकों को भरोसा होना चाहिए कि पुलिस उनके साथ है, खासकर बच्चों के." पुलिस ने कोर्ट को बताया कि घटना के जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और केस क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है.
सिख ऑटोरिक्शा ड्राइवर और उसके बेटे के साथ हुई पुलिस की झड़प और मारपीट के इस मामले में एक और याचिका दायर की गई है. दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल इस याचिका में इस मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की गई है. एक कारोबारी ने याचिका दायर कर इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है. हालांकि इस याचिका को अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है.
दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में तीन दिन पहले एक ग्रामीण सेवा टेम्पो चालक और पुलिस के इमरजेंसी रिस्पॉन्स व्हीकल (ईआरवी जिप्सी) के बीच टक्कर हो गई. इस बात पर पुलिस कर्मियों और टेम्पो चालक के बीच विवाद हो गया. पुलिस का आरोप है कि झगड़ा बढ़ने पर चालक ने अपने टेम्पो से तलवार निकाल ली और उन पर हमला कर दिया. इससे एक एएसआई के सिर पर चोट आई. इस दौरान पुलिस ने चालक पर लाठियां भांजनी शुरू कर दी तो चालक के नाबालिग बेटे ने एक पुलिसवालों पर टेम्पो चढ़ा दी. इससे एक सिपाही घायल हो गया.
इसके बाद अन्य पुलिसकर्मियों के साथ ड्राइवर और उसके बेटे को जमकर पीटा गया. इसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते गए और सिख समुदाय के लोगों में गुस्सा बढ़ता चला गया. इसके बाद हजारों सिखों ने मुखर्जी नगर थाने का घेराव किया. इस बीच प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई. इस मामले में कुछ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड भी किया गया है, लेकिन इसके बावजूद प्रदर्शन जारी है.
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